LPG सिलेंडर को लेकर बड़ी खबर, आप भी जान लें
एलपीजी सिलेंडर से संबंधित शिकायतें डिस्ट्रीब्यूटर पर अब भारी पड़ सकती हैं। गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है।
नई दिल्ली: एलपीजी सिलेंडर से संबंधित शिकायतें डिस्ट्रीब्यूटर पर अब भारी पड़ सकती हैं। गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। एलपीजी सिलेंडर से जुड़ी शिकायतों को लेकर पेट्रोलियम मंत्रालय बहुत जल्द एक बड़ा फैसला ले सकता है। मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें ये कहा है कि एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के कमीशन का जो मौजूदा स्ट्रक्चर है उसमें बदलाव किया जाए।
ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने का मकसद
बता दें कि इसे फिक्स्ड रखने के बजाए वैरियबल बना दिया जाए। वैरियबल बनाने का मकसद ये है कि इसमें ग्राहकों की भूमिका बढ़ाई जाए। आपको बता दें कि मौजूदा समय में भी शिकायत का मैकेनिज्म है। लेकिन इसके तहत डिस्ट्रीब्यूटर पर कोई वित्तीय जुर्माना नहीं लगता है। ऑयल कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को जो प्रस्ताव दिया गया है उसके अनुसार डिस्ट्रीब्यूटर सर्विस से उनका कमीशन लिंक किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत फीडबैक कमीशन देने का आधार बनेगा।
कमीशन में होगी 20 फीसदी की कटौती
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा स्ट्रक्चर में फिक्स्ड कमीशन 60 रुपये है। जो प्रस्ताव दिया गया है उसमें ये कहा गया है कि इसे 80 फीसदी और 20फीसदी के अनुपात में विभाजित कर दिया जाए। इसका मतलब 80 फीसदी कमीशन फिक्स्ड होगा और 20 फीसदी कमीशन ग्राहक के फीडबैक के आधार पर होगा। मतलब ये कि अगर एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बेहतर सर्विस देते हैं तो ग्राहक के पास ये अधिकार होगा कि वे उनको फीडबैक दें। रेटिंग की प्रक्रिया को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने बनाया हुआ है। जितनी रेटिंग होगी उसके हिसाब से तय होगा कि 20 फीसदी की रकम कमीशन के तौर पर पूरी मिले या उसमें भी कटौती की जाए।
दरअसल, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लगता है कि ग्राहक मार्केटिंग कंपनियों के हैं। लिहाजा जब कमीशन का स्ट्रक्चर तैयार हो रहा है उसमें सर्विस की क्वालिटी को भी तरजीह दी जाए। ग्राहक को भी अधिकार मिले कि वो उनका कमीशन तय करें। वहीं सूत्रों के मुताबिक, सैद्धांतिक रूप से इस प्रस्ताव पर पेट्रोलियम मंत्रालय सहमत है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।