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Petrol-Diesel : बढ़ते दाम इकोनॉमी के पटरी पर लौटने में बड़ी अड़चन

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नई दिल्ली, जून 29। इस समय देश में पेट्रोल और डीजल के दाम एक नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। देश के कई हिस्सों में पेट्रोल के रेट 100 रु का आंकड़ा पार कर गए हैं। कुछ जगह तो ये 105 रु पर पहुंच गए हैं। पिछले कई दिनों से हर दूसरे दिन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दिख रहे हैं। ईंधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की दो मुख्य वजह हैं। पहली सरकार ने इन पर भारी ड्यूटी लगा रखी है और दूसरे क्रूड ऑयल के दाम कोरोना महामारी के दौरान निचले स्तर पर पहुंच गए थे, मगर अब इनमें रिकवरी हो रही है। रिकॉर्ड-हई गैसोलीन (पेट्रोल) और डीजल की कीमतों से कुछ भारतीय अपने वाहनों का उपयोग करने पर आने वाली लागत को वहन करने में असमर्थ हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे देश के ट्रांसपोर्ट उद्योग में बड़ा बदलाव आ सकता है।

खुशखबरी : पेट्रोल-डीजल पर घट सकता है टैक्स, मिलेगी महंगे ईंधन से राहतखुशखबरी : पेट्रोल-डीजल पर घट सकता है टैक्स, मिलेगी महंगे ईंधन से राहत

न्यू यॉर्क से दोगुना है पेट्रोल

न्यू यॉर्क से दोगुना है पेट्रोल

मुंबई जैसे प्रमुख भारतीय शहरों में पेट्रोल की कीमत न्यूयॉर्क की तुलना में लगभग दोगुनी हो गयी है, जिससे एशिया के दूसरे सबसे बड़े तेल की खपत करने वाले देश की आर्थिक रिकवरी पर असर पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने पिछले साल भी ईंधन पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी की थी। तब देश लॉकडाउन में था और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिर गई थी।

इकोनॉमी के लिए मुसीबत
 

इकोनॉमी के लिए मुसीबत

इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में मुंबई में पेट्रोल की कीमत में 25 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि में डीजल की कीमतों में एक तिहाई (यानी करीब 33 फीसदी) की वृद्धि हुई है। इन कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में इस साल अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 20-20% की वृद्धि हुई है।

टैक्स हुए तीन गुना से अधिक

टैक्स हुए तीन गुना से अधिक

पेट्रोल पर केंद्र सरकार की तरफ से लगाए गए टैक्स पिछले सात वर्षों में तीन गुना से अधिक हो गए हैं। देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल पर इसी अवधि में सात गुना की वृद्धि हुई है। ईंधन की बढ़ती कीमतें देश के मध्यम वर्ग को प्रभावित कर रही हैं, जिसे भारत की आर्थिक और तेल मांग में वृद्धि को आगे ले जाने वाला ड्राइवर माना जाता है।

क्या होगा असर

क्या होगा असर

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की लोकल यूनिट आईसीआरए के अनुसार टैक्स खर्च करने योग्य इनकम को कम कर रहे हैं और इससे मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ रहा है। आईसीआरए के उपाध्यक्ष के अनुसार उच्च कीमतों से ग्रोथ और मौजूदा हालात के सामान्य होने पर असर पड़ेगा। एक स्तर से ऊपर की कीमतें लोगों के लिए अच्छी नहीं होती और वे कम यात्रा करते हैं और ईंधन पर पैसा खर्च करे से बचने की कोशिश करते हैं।

मांग होगी प्रभावित

मांग होगी प्रभावित

भारत की अर्थव्यवस्था पिछले वित्त वर्ष में आई 7.3 फीसदी की गिरावट से वापस पटरी पर आ रही है, मगर तभी लाखों लोग दबाव में हैं। जानकारों का मानना है कि उच्च कीमतों से ईंधन की मांग पर प्रभाव पड़ता है। जो कि आगे दिख सकता है।

English summary

Petrol Diesel Rising prices are a big hurdle in getting the economy back on track

Taxes imposed by the central government on petrol have more than tripled in the last seven years. Diesel, the most widely used fuel in the country, has seen a seven-fold increase in the same period.
Story first published: Tuesday, June 29, 2021, 13:00 [IST]
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