Petrol-Diesel की कीमत हो सकती है आधी, मोदी सरकार कर रही है ये तैयारी
आम आदमी पर महंगाई का बोझ इन दिनों बढ़ता जा रहा है। पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। देश के सभी मेट्रो शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम ऑल टाइम हाई प्राइस पर चले गए हैं।
नई दिल्ली: आम आदमी पर महंगाई का बोझ इन दिनों बढ़ता जा रहा है। पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। देश के सभी मेट्रो शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम ऑल टाइम हाई प्राइस पर चले गए हैं। इसी बीच सुनने को ये भी आ रहा है कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने पर विचार कर रही है।
बड़ी राहत देने की तैयारी में मोदी सरकार
पेट्रोल डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से आम आदमी पर बोझ तो बढ़ ही रहा है। वहीं सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सुझावों पर अगर जीएसटी परिषद अमल करती है तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी हो जाएगी। दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि उनका मंत्रालय जीएसटी परिषद से पेट्रोलियम उत्पादों को अपने दायरे में शामिल करने का लगातार अनुरोध कर रहा है, क्योंकि इससे लोगों को फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दे चुकी हैं।
पेट्रोल के 100 रुपये प्रति एक लीटर से भी ज्यादा
पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये से अधिक हो गयी है। पेट्रोल-डीजल के महंगे होने के सबसे बड़ा कारण टैक्स ही है। केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क और राज्य वैट वसूलते हैं। अभी केंद्र व राज्य सरकारें उत्पाद शुल्क व वैट के नाम पर 100 फीसद से ज्यादा टैक्स वसूल रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है और डीजल 81 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया।
जीएसटी की उच्च दर पर भी पेट्रोल-डीजल को रखा जाए तो मौजूदा कीमतें घटकर आधी रह सकती हैं। जीएसटी परिषद ने कम स्लैब का विकल्प चुना, तो कीमतों में कमी आ सकती है। भारत में चार प्राथमिक जीएसटी दर हैं - 5%, 12%, 18% और 28% है।
अगर पेट्रोल को 5% जीएसटी वाले स्लैब में रखा जाए तो यह पूरे देश में 37.57 रुपये लीटर हो जाएगा और डीजल का रेट घटकर 38.03 रुपये रह जाएगा। अगर 12% स्लैब में ईंधन को रखा गया तो पेट्रोल की कीमत होगी 40% और डीजल मिलेगा 40.56 रुपये। वहीं अगर 18 फीसद जीएसटी वाले स्लैब में पेट्रोल आया तो कीमत होगी 42.22 रुपये और डीजल होगा 42.73 रुपये। जबकि अगर 28 % वाले स्लैब में ईंधन को रखा गया तो पेट्रोल 45.79 रुपये रह जाएगा और डीजल होगा 46.36 रुपये।
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को केंद्र भले ही जीएसटी के दायरे में लाने की तैयार हो जाए, लेकिन राज्य सरकारें ऐसा करना नहीं चाहती है। बता दें फरवरी में अब तक पेट्रोल की कीमतें 4.63 रुपये प्रति लीटर और डीजल की दरें 4.84 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुकी हैं। इसी तरह 2021 में अब तक पेट्रोल 7.22 रुपये और डीजल 7.45 रुपये महंगा हो चुका है।
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