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Pakistan को करीबी दोस्त China से ही मिल रहा धोखा, सामने आई रिपोर्ट

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नयी दिल्ली। पाकिस्तान और चीन के बीच सीपेक (China-Pakistan-Economic-Corridor) करार बहुत अहम माना जा रहा था। खास कर पाकिस्तान के लिए, जिसकी आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है। मगर अब खुद पाकिस्तान सरकार की जांच में सामने आया है कि चीन सीपेक के तहत आने वाले पावर प्रोजक्ट्स में भ्रष्टाचार कर रहा है। हाल ही में इमरान खान की सरकार ने सीपेक में होने वाली गड़बड़ियों पर जांच की, जिसमें सामने आया कि सीपेक के तहत चीन द्वारा फंडेड 6 बिजली परियोजनाओं में बाजार दरों की तुलना में अधिक बिल (इनवॉइसिंग) और टैरिफ शुल्क के माध्यम से प्लांट स्थापित करने वाली चीनी कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाया है। इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई कि सीपेक के तहत हुए गवर्मेंट-टू-गवर्मेंट सौदों ने चीनी निवेशकों का पक्ष लिया था।

जम कर कमाया मुनाफा

जम कर कमाया मुनाफा

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सरकार की जांच में पाया गया कि छह बिजली परियोजनाओं में से एक भारत में इसी तरह की परियोजना की तुलना में 234 प्रतिशत महंगी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक सीपेक की 1.7 अरब डॉलर की पावर ट्रांसमिशन लाइन परियोजना भारत में एक समान परियोजना, वो भी बेहतर तकनीक के साथ, 234 फीसदी महंगी थी। एक भी परियोजना के लिए बोली नहीं लगाई गई, क्योंकि सभी को एक ही देश से फंडिंग हो रही है। पाकिस्तान की पावर रेगुलेटर नेपरा (National Electric Power Regulatory Authority) ने नवंबर 2016 में 1.7 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।

भारत में ऐसा ही प्रोजेक्ट काफी सस्ता
 

भारत में ऐसा ही प्रोजेक्ट काफी सस्ता

पाकिस्तान में इस प्रोजेक्ट के जैसा ही एक प्रोजेक्ट भारत में दिया गया। मगर यहां प्रोजेक्ट के लिए बोली लगी और ज्यूरिक से एबीबी को यह प्रोजेक्ट दिया गया। भारतीय ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट स्पेसिफिकेशन के साथ-साथ लंबाई में अधिक है और 36 करोड़ डॉलर सस्ती है। इमरान सरकार ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से परहेज किया। मगर ये बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों के लिए बड़ी परेशानी है क्योंकि इन दोनों देशों को हर मौसम का साथी कहा जाता है। ग्वादर पोर्ट और हाईवेज के साथ बिजली क्षेत्र सीपेक के प्रमुख सेक्टरों में है।

चीन को मिले 2.5 अरब डॉलर ज्यादा

चीन को मिले 2.5 अरब डॉलर ज्यादा

जांच में पाकिस्तान सरकार ने पाया कि सीपेक के तहत दो कोयला आधारित परियोजनाओं में 2.5-2.6 अरब डॉलर अधिक भुगतान चीन और उसकी कंपनियों को किया गया था। लेकिन कोयला आधारित परियोजनाओं के संबंध में अनियमितताओं का पता ही नहीं चला। हाइड्रो चाइना और थ्री गोर्जेस (एक अन्य चीनी कंपनी) की पवन ऊर्जा परियोजनाएं भी जांच के दायरे में आई हैं। इन प्लांट्स से वसूले गए अधिक टैरिफ ने भ्रष्टाचार और चीनी कंपनियों को अधिक भुगतान करने में मदद की। पाकिस्तान के योजना मंत्री असद उमर इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहते हैं। लेकिन चीन के साथ संबंध खराब होने के डर से उनका विरोध किया जा रहा है।

Pakistan आया घुटनों पर, भारत से मांग रहा जीवन रक्षक दवाएंPakistan आया घुटनों पर, भारत से मांग रहा जीवन रक्षक दवाएं

English summary

Pakistan is getting cheated by close friend China report surfaced

An investigation by the Government of Pakistan found that one in six power projects is 234 percent costlier than a similar project in India.
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