बजट 2020 : विपक्षी दलों ने बजट पर दी तीखी प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में देश का बजट 2020 पेश किया।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में देश का बजट 2020 पेश किया। इसमें उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही लगभग हर सेक्टर के लिए कुछ ना कुछ घोषणाएं की। जहां सदन में वित्त मंत्री बजट भाषण पढ़ रही थीं वहीं इस भाषण पर उद्योगों के और अन्य क्षेत्रों के साथ ही आम आदमी की भी नजर टिकी हुई थी।
बता दें कि भाषण करीब ढाई घंटे तक चला। जिसके चलते यह बजट भाषण अबतक का सबसे बड़ा भाषण बन गया है। वहीं मोदी सरकार के इस बजट के बाद कांग्रेस की सबसे पहले प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, "सरकार केवल बातें करती है। वहीं सरकार ने कहीं भी बेरोजगारी की बात नहीं कही। जबकि कुछ भी ठोस नहीं है। बजट में रोजगार के बारे में कुछ नहीं है, कोई सेंट्रल आइडिया नहीं है।
- राहुल गांधी कि मानें तो इस बजट में युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है, देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन नौकरी के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। वित्त मंत्री ने इतना लंबा बजट भाषण दिया, लेकिन उसमें कई बातों को दोहराया गया। बजट भाषण में कुछ भी नहीं था, यह खोखला था।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करके कहा 'दुश्मन न करे दोस्त ने जो काम किया है, साल भर का गम, गरीबों पर जुल्मो सितम, फिर से जनता को इनाम दिया है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि निर्मला सीतारमण बजट का गणित समझाने में विफल रही हैं। 4.8% की जीडीपी वृद्धि के साथ 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य एक पाइप ड्रीम है।
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि निर्मला सीतारमण बजट का गणित समझाने में विफल रही हैं। 4.8% की जीडीपी वृद्धि के साथ 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य एक पाइप ड्रीम है।
- कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि बजट के लिए वित्त मंत्री की आलोचना न करें। क्योंकि इसे एलेक्सा (अमेजन का आर्टिफिशियल असिस्टेंट) द्वारा तैयार किया गया है।
- कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि निर्मला सीतारमण बजटीय गणित समझाने में विफल रही हैं। नवंबर तक राजस्व रिसिप्ट के रूप में बजट अनुमानों का केवल 45% ही प्राप्त हुआ है।
- वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा- निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर ने नौकरी की कमी, किसानों की आत्महत्या, गिरती हुई जीडीपी, खत्म होते कारोबार के बीच का बजट पेश किया। सीतारमण अपने बॉस की तरह कहती हैं- 'सब चंगा सी'! अनुराग ठाकुर ने कहा होगा- देश के बेरोजगारों, व्यापारियों और किसानों को गोली मारो।
- कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा- इन दिनों बजट से पहले पूरे साल सरकारें इतनी नीतिगत घोषणाएं कर चुकी होती हैं कि बजट में कोई ख़ास चार्म नहीं रह जाता। वही पुराने प्रोग्राम, पुरानी नीतियां दुहराई जाती हैं।
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा- पिछले साल के बजट पर गौर करें तो बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आय में गिरावट आई है। निवेश में कमी आई है। जीडीपी भी घट गई है।
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