दोहरा शतक : प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल, जानिए कहां
फिलहाल प्याज के भाव में नरमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। कीमतों में दिन-प्रति-दिन इजाफा ही देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर बाजार में प्याज की कीमतें 200 रुपये के पार निकल गई हैं।
नई दिल्ली: फिलहाल प्याज के भाव में नरमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। कीमतों में दिन-प्रति-दिन इजाफा ही देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर बाजार में प्याज की कीमतें 200 रुपये के पार निकल गई हैं। इसकी वजह प्याज की कम उपलब्धता है। व्यापारियों का कहना है कि इस महीने के अंत तक प्याज की कीमतें ऊंची बने रहने के आसार हैं। सोलापुर में 300 किलो प्याज की खेप की कीमत 200 रुपये के पार निकल गई। हालांकि, दूसरे बाजार में कीमत इससे कम है। महाराष्ट्र में प्याज के व्यापारी और निर्यातक के अनुसार 200 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत बाजार की मौजूदा स्थितियों का सही संकेत नहीं देती। इसकी वजह यह है कि दूसरे बाजारों में कीमतें कम हैं। दालों तक पहुंच गई महंगाई की मार, 2500 रुपये तक बढ़े दाम ये भी पढ़ें
अच्छी क्वालिटी के प्याज की बिक्री 170-180 रु किलो
वहीं एक दूसरे कारोबारी की माने तो सबसे अच्छी क्वालिटी के प्याज की बिक्री 170-180 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हो रही है। इसकी वजह यह है कि दक्षिणी राज्यों से मांग बहुत अच्छी है। नासिक के लासलगांव एपीएमसी में नए प्याज का भाव अधिकतम 100 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है। औसत कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम है। नए प्याज को लाल प्याज भी कहा जाता है। लासलगांव प्याज की एशिया की सबसे बड़ी मंडी है।
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भारी बारिश की वजह से प्याज की कीमतों में इजाफा
आश्चर्य की बात तो यह है कि व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने पहले प्याज की ऐसी कमी नहीं देखी थी। इसकी सबसे बड़ी वजह भारी बारिश है। प्याज की कमी 25 दिसंबर तक बनी रहेगी। जनवरी के मध्य में आवक में सुधार आने की उम्मीद है। ऐसे में किसान भी ऊंची कीमतों का फायदा उठाने का मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते। व्यापारियों का कहना है कि वे तैयार होने से पहले ही खेतों से प्याज निकाल रहे हैं। भले ही प्याज की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, लेकिन इससे ज्यादातर किसानों को पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद नहीं मिली है।
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मंडी में 200 रुपये प्रति किलो के भाव
जून में 1.5 एकड़ में प्याज की रोपा गाया था। मानसून की बारिश देर से शुरू हुई। फिर अगस्त-सितंबर में भारी बारिश हुई। नवंबर में दोबारा बारिश हुई। इसके चलते प्याज का उत्पादन घटकर 17 बोरी रह गया। जबकि 40 बोरी उत्पादन की उम्मीद कर रहे थे। एक बोरी 50 किलो की होती है। 17 बोरी उत्पादन में से 10 बोरी की क्वालिटी बहुत खराब थी। गुरुवार को सोलापुर एपीएमसी मंडी में 200 रुपये प्रति किलो के भाव बेचा गया। जो कि एक बोरी की कीमत 25 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा गया।
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