प्याज के नहीं घट रहे दाम, अब स्टॉक लिमिट और घटाई गई
प्याज के भाव में नरमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। कीमतों में आय दिन इजाफा ही देखने को मिल रहा है। ऐसे में प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने फिर बड़ा कदम उठाया है।
नई दिल्ली: प्याज के भाव में नरमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। कीमतों में आय दिन इजाफा ही देखने को मिल रहा है। ऐसे में प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने फिर बड़ा कदम उठाया है। जी हां प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए खुदरा कारोबारियों पर सरकार की नजर है। मिली जानकारी के मुताबिक सोमबार को केंद्र सरकार ने प्याज के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने और जमाखोरी रोकने के लिए खुदरा विक्रेताओं के लिए प्याज की अधिकतम भंडारण (स्टॉक) सीमा को पांच टन से घटाकर दो टन कर दिया।
अब 2 टन से ज्यादा प्याज जमा नहीं कर सकते खुदरा कारोबारी
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकारों को खुदरा विक्रेताओं की जमाखोरी रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वहीं मंत्रालय ने बयान में कहा कि प्याज की खुदरा कीमतों में तेजी को देखते हुए उसने खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज की अधिकतम भंडारण सीमा को पांच टन से कम करके दो टन कर दिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा। पिछले हफ्ते मंत्रालय ने खुदरा विक्रेताओं के लिए अधिकतम सीमा को 10 टन से घटाकर पांच टन और थोक विक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा को 50 टन से घटाकर 25 टन कर दिया था।
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भारी बारिश से उत्पादन में गिरावट
सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सकेगा। भारी बारिश के बाद खरीफ फसल के उत्पादन में गिरावट आने से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इससे खुदरा बाजार में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को प्याज का अधिकत खुदरा भाव 165 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। ज्यादातर शहरों में प्याज 100 रुपये से ऊपर बिकी।
200 रुपये तक पहुंची प्याज की कीमत
महाराष्ट्र के सोलापुर बाजार में प्याज की कीमतें 200 रुपये के पार निकल गई हैं। इसकी वजह प्याज की कम उपलब्धता है। व्यापारियों का कहना है कि इस महीने के अंत तक प्याज की कीमतें ऊंची बने रहने के आसार हैं। सोलापुर में 300 किलो प्याज की खेप की कीमत 200 रुपये के पार निकल गई। हालांकि, दूसरे बाजार में कीमत इससे कम है। वहीं दूसरी ओर बेंगलुरू में शनिवार को प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। एक अधिकारी ने कहा कि बाजार में कम आपूर्ति के कारण प्याज के दामों में बढ़ोतरी होती जा रही है। राज्य कृषि विपणन अधिकारी सिद्दांगैया ने बताया, "प्याज की कीमत बेंगलुरू की कुछ खुदरा दुकानों में 200 रुपये प्रति कि. ग्रा. के स्तर को छू गई है। इसकी थोक दर 5,500 रुपये से 14,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है।"
सरकार इन दो देशों से प्याज का आयात कर रही
बता दें कि प्याज की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे से निपटने के लिए सरकार ने 36,090 टन प्याज के आयात को मंजूरी दी है। इसमें से 21,090 टन प्याज का कॉन्ट्रैक्ट प्रक्रिया भी पूरा कर लिया गया ह। जानकारी के मुताबिक, इसमें से 6,090 टन प्याज मिस्त्र से और 15 हजार टन प्याज तुर्की से आयात किया जाएगा। बीते कुछ महीनों से प्याज की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। सितंबर माह में भी सरकार ने घरेलू सप्लाई को मेंटेन रखने के उद्देश्य से प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया था। हालांकि, भारत सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर बैन लगाने के बाद एशियाई क्षेत्र में भी प्याज की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है।