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तेल कंपनियां Petrol-Diesel कर रहीं सस्ता, जानिए क्यों

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नयी दिल्ली। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने गुरुवार को लगभग छह महीने की अवधि के बाद लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की। पिछले 6 महीनो में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ीं हैं और देश भर में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयीं। ओएमसी ने गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 21 पैसे की कटौती की, जिससे ये 90.78 रुपये प्रति लीटर पर आ गया। वहीं डीजल का रेट 20 पैसे घट कर 81.1 रुपये प्रति लीटर रह गया। इस कटौती की वजह है क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी। मार्च की शुरुआत में ब्रेंट क्रूड की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के शिखर से गिर कर गुरुवार को 63.5 डॉलर प्रति बैरल पर आ गयीं।

 

ईंधन की कीमतें चुनावी मुद्दा

ईंधन की कीमतें चुनावी मुद्दा

इससे पहले ओएमसी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 24 दिनों तक लगातार कोई बदलाव नहीं किया था। जबकि इस दौरान कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में काफी अस्थिरता देखी गयी। असल में अनुमान लगाया जा रहा है कि कई राज्यों में चुनाव को देखते हुए ओएमसी ने ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम शामिल हैं। प्रमुख आगामी राज्य चुनावों में ईंधन की कीमतें एक चुनावी मुद्दा बन गई थीं।

ओएमसी को नुकसान
 

ओएमसी को नुकसान

जानकार मानते हैं कि कीमतों में बदलाव पर रोक से ओएमसी को प्रति लीटर 2.5-3 रुपये के मार्जिन को नुकसान हुआ, क्योंकि कच्चे तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे। मगर कच्चे तेल की कीमतों हाल ही में आई गिरावट से ओएमसी ने अपने अधिकांश घाटे को वापस हासिल कर लिया होगा। कच्चे तेल और ईंधन की कीमतों में कटौती का मतलब है कि उनका मार्जिन सामान्य स्तर पर लौट आया होगा।

एक्साइज ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं

एक्साइज ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं

हालांकि केंद्र सरकार ने 2020 में पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाए उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में अभी तक नहीं कोई बदलाव नहीं किया है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी सभी रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब हैं। बता दें कि कोरोना काल में अपना राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। केंद्र सरकार ने पिछले साल पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर के टैक्स की बढ़ोतरी की थी।

कुछ राज्यों ने हटाया स्टेट टैक्स

कुछ राज्यों ने हटाया स्टेट टैक्स

पश्चिम बंगाल, असम, राजस्थान और मेघालय उन राज्यों में शामिल हैं जिन्होंने फरवरी में पेट्रोल और डीजल पर स्टेट टैक्स में की गयी बढ़ोतरी को वापस ले लिया था। जहां तक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का सवाल है तो बढ़ती आपूर्ति और मांग को लेकर बढ़ी चिंता इसके पीछे 2 अहम कारण हैं। पिछले साल अक्टूबर के अंत में कच्चे तेल के दाम लगभग 40 डॉलर प्रति बैरल से लगातार बढ़े थे और मार्च की शुरुआत में 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं। यूरोप में कोविड-19 प्रतिबंध और अमेरिका में कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि से भी कच्चे तेल की कीमतें गिरी हैं।

क्यों घटी तेल की मांग

क्यों घटी तेल की मांग

विशेषज्ञों के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से अमेरिका की तरफ से आपूर्ति को बढ़ा दिया। वहीं यूरोप में धीमे वैक्सीनेशन ने तेल की कम मांग को लेकर चिंता बढ़ा दी।

खुशखबरी : पेट्रोल-डीजल पर घट सकता है टैक्स, मिलेगी महंगे ईंधन से राहतखुशखबरी : पेट्रोल-डीजल पर घट सकता है टैक्स, मिलेगी महंगे ईंधन से राहत

English summary

Oil companies making Petrol Diesel cheaper know why

Earlier, OMC had not made any changes in the prices of petrol and diesel continuously for the last 24 days. Whereas during this period, there was considerable volatility in global crude oil prices.
Story first published: Thursday, March 25, 2021, 17:04 [IST]
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