अब गाय पालने पर सरकार हर महीने देगी पैसा, आप भी उठा सकते हैं फायदा
नयी दिल्ली। देश में गायों की हालत सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। केंद्र के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारों ने भी गाय पालने को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं पेश की है। इनमें छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना शामिल है। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक खास योजना पेश की है, जिसके तहत गाय पालने वालों को हर महीने सरकार की तरफ से पैसे दिए जाएंगे। आइए जानते हैं इस योजना की पूरी डिटेल।
कितने मिलेंगे पैसे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना का ऐलान करते हुए है कि वे गाय जो निराश्रित है उन्हें पालने वालों को हर महीने 900 रु मिलेंगे। सड़कों पर घूमने वाली निराश्रित गायों को गौशालाओं तक पहुंचाया जाएगा और फिर बाद में उन्हें किसानों को सौंप दिया जाएगा। इसके साथ ही किसानों को हर महीने 900 रु मिलने शुरू हो जाएंगे।
गाय की देखभाल
ये पैसा गायों की देखभाल के लिए है। सरकार की तरफ से हर महीने गायों की जांच भी की जाएगी। आपको बता दें कि और भी कई राज्य हैं जिन्होंने गोवंश की देखभाल के लिए कई कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने जुलाई में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य सरकार पशु पालकों से गोबर खरीदती है। इसके लिए पशु पालकों को 2 रु प्रति किलो (टांसपोर्ट शुल्क सहित) का भुगतान किया जाता है।
कैसे काम करती है गोधन न्याय योजना
राज्य सरकार गोठानों में गाय और भैंस पशु पालकों से गोठान समितियों के जरिए गोबर खरीदती है। इसके माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट और अन्य प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। सरकार का उद्देश्य जैविक खेती का विस्तार करना, ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों की इनकम बढ़ाना, गौपालन को बढ़ावा और पशु पालकों की आर्थिक मदद करना है।
पूरे राज्य में कितने गोठान
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पशु पालकों से पहले 1.50 रु प्रति किलो के भाव पर गाय और भैंस का गोबर खरीदने का प्रस्ताव रखा गया था। पर राज्य की कैबिनेट ने गोबर को 2 रु प्रति किलो के रेट पर मुहर लगा दी थी। छत्तीसगढ़ में 5,300 गोठान मंजूर किए गए थे, जिसमें से ग्रामीण इलाकों में 2,408 और शहरी इलाकों में 377 गोठान तैयार कर दिए गए थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने जून में गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर की खरीदारी करने का फैसला लिया था
मिल रहा योजना का फायदा
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना से कई महिला समूह और व्यक्तिगत स्तर पर लोग ठीक-ठाक पैसा कमा रहे हैं। खरीदे गए गोबर से तैयार खाद को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। इस खाद की बिक्री होती है, जिसका दाम 8 रु प्रति किलो होता है। बताया जा रहा है कि गोधन न्याय योजना जना से पर्यावरण बेहतर बनेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अच्छी ग्रोथ आएगी। गोधन न्याय योजना रोजगार के मौके की तरह है और वो भी खास कर ग्रामीण इलाकों में।
इस व्यक्ति की बदली किस्मत
कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के रहने वाले एक किसान विश्राम पटेल की कहानी सामने आई थी। गोधन न्याय योजना ने उनके जीवन को काफी बदल दिया। केवल 2 बार में ही उन्हें 16 हजार रु गोबर बेचने से मिले थे। साथ में दूध से भी इनकम हो रही है। इससे पहले केवल दूध से उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा था।
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