अब सरकारी बीमा कंपनियों का करेंगे विलय - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अब सरकार तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के विलय की दिशा में आगे बढ़ेगी। इन सरकारी बीमा कंपनियों के विलय की घोषणा पिछले बजट में की गयी थी। इससे पहले सरकार कई सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान कर चुकी है। मीडिया से बातचीत में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि यह एक बजट घोषणा है और मैं इसी पर आगे बढ़ूँगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रस्तावित विलय की कार्रवाई इनकी कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण आगे नहीं बढ़ पायी है। इन तीनों बीमा कंपनियों के विलय की घोषणा बजट 2018-19 की गयी थी। साथ ही विलय के बाद तैयार होने वाली कंपनी को स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किये जाने की भी बात कही गयी थी।
कमजोर है इन कंपनियों की बैलेंस शीट
अधिकारियों का कहना है कि कमजोर वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए ये कंपनियाँ सरकार से आर्थिक मदद लेती रही हैं। वर्तमान बैलेंस शीट स्थिति के अनुसार ये कंपनियाँ या दिवालिया अनुपात से नीचे हैं या सीमा रेखा पर हैं, जिस वजह से इनमें तत्काल पुनर्पूंजीकरण की आवश्यकता है। जब तक इनके मौजूदा घाटे को नहीं राइट ऑफ या खत्म नहीं किया जाता है, तब तक विलय के बाद तैयार होने वाली कंपनी की बैलेंस शीट कमजोर ही होगी।
बजट में नहीं दी गयी पूँजी
बजट में बीमा कंपनियों के लिए पूँजी का कोई प्रावधान नहीं किया गया था। सू्त्रों के अनुसार बजट में पूँजी प्रावधान न किये जाने की वजह से वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को इस उद्देश्य के लिए 12,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी, क्योंकि सॉल्वेंसी रेशियो से नीचे जाने से बचने के लिए प्रत्येक सामान्य बीमा कंपनी ने करीब 200 से 300 करोड़ रुपये की माँग की है।
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