Lockdown में राहत की खबर, थोक महंगाई में आई कमी
नयी दिल्ली। लॉकडाउन के बीच देश की जनता के लिए एक राहत की खबर आई है। आर्थिक मोर्चे पर समस्याओं का सामना कर रही देश की जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिली है। जी हां मार्च में थोक महंगाई में गिरावट दर्ज की गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में घट कर 1 प्रतिशत रह गई जो फरवरी में 2.26 प्रतिशत थी। बुधवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में खाद्य महंगाई दर घट कर 4.91 प्रतिशत रही जो फरवरी में 7.79 प्रतिशत थी। अनुमान है कि 25 मार्च से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में मार्च के महंगाई डेटा पर कुछ प्रभाव पड़ा होगा। मार्च में सब्जियों की महंगाई दर गिर कर मार्च में 11.90 प्रतिशत पर आ गई, जो फरवरी में 29.97 प्रतिशत थी।
प्याज अब भी रुला रहा
सब्जियों की महंगाई में भारी गिरावट के बावजूद प्याज के दाम अभी भी चढ़े हुए हैं। प्याज पर महंगाई दर मार्च के दौरान 112.31 प्रतिशत पर रही। ईंधन और बिजली की महंगाई में 1.76 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि विनिर्मित उत्पादों में 0.34 प्रतिशत की मुद्रास्फीति देखी गई। बता दें कि सरकार के मुताबिक कोरोनावायरस और राष्ट्रीय लॉकडाउन के कारण मार्च के लिए डब्लूपीआई के प्रोविजनल आंकड़ों की गणना कम रेस्पोंस रेट के साथ की गई है। सरकार ने यह भी साफ किया है कि अंतिम महीने की रिलीज़ के दौरान इन आंकड़ों में बड़ा संशोधन किया जा सकता है।
खुदरा महंगाई भी घटी
गौरतलब है कि थोक महंगाई से पहले जनता को खुदरा महंगाई के मामले में भी अच्छी खबर मिली। मार्च में खुदरा महंगाई दर गिर कर 5.91 फीसदी पर आ गई, जो फरवरी में 6.58 फीसदी रही थी। खाने-पीने की चीजों की कीमतें घटने से खुदरा महंगाई में कमी आई थी। ये भी बताते चलें कि मार्च में रही खुदरा महंगाई दर नवंबर 2019 के बाद सबसे कम है। मगर मार्च 2019 के मुकाबले यह काफी अधिक रही। मार्च 2019 में खुदर महंगाई दर 2.86 फीसदी रही थी। मार्च में फूड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर फरवरी में 10.81 फीसदी से घट कर 8.76 फीसदी, सब्जियों की महंगाई दर 31.61 फीसदी से गिर कर 18.63 फीसदी और दलहन तथा प्रोडक्ट्स की महंगाई दर फरवरी में 16.61 फीसदी से घट कर 15.85 फीसदी रह गई।
क्या होती है थोक और खुदरा महंगाई दर
देश के नीति निर्माण में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर को उपयोग में लाया जाता है। थोक बाजार में वस्तुओं के समूह की कीमतों में सालाना आधार पर कितनी वृद्धि हुई है इसका आकलन महंगाई के थोक मूल्य सूचकांक के जरिये किया जाता है। वहीं खुदरा महंगाई दर जनता को सीधे प्रभावित करती है और ये खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी लगभग 45 फीसदी है।
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