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किसानों के लिए राहत की खबर, सरकार ने MSP बढ़ाने का लिया फैसला

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नयी दिल्ली। किसान देश भर में कई जगह केंद्र सरकार के नए कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ये बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास हो चुके हैं। किसान इसलिए विरोध में आए हैं क्योंकि इन बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की बात नहीं की गई। इसी बीच सरकार ने किसानों के लिए राहत भरा फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने गेहूं और चने जैसी रबी फसलों के लिए में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। राज्यसभा में दो महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों के पारित होने के एक दिन बाद ये फैसला लिया गया है। इन बिलों को संसद से मंजूरी के बाद नए कानून बनने के लिए तैयार हैं।

किसानों को शांत करने के लिए फैसला

किसानों को शांत करने के लिए फैसला

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार ने एमएसपी बढ़ाने का फैसला किसानों के विरोध प्रदर्शन को शांत करने के लिए लिया है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को मंजूरी दी है। यह कदम पंजाब और हरियाणा में किसानों की नाराजगी खत्म करने के उद्देश्य से लिया गया है। नए कृषि बिलों के लिए संसद में भाजपा को अपने सहयोगी अकाली दल की भी नाराजगी का सामना करना पड़ा है। 2021-22 सीज़न के लिए रबी फसलों के एमएसपी को बढ़ाने का निर्णय केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। जिन फसलों के लिए एमएसपी बढ़ा है उनमें गेहूं, मसूर, जौ, चना, रेपसीड, सरसों और कुसुम शामिल हैं।

नए बिलों पर सरकार का दावा

नए बिलों पर सरकार का दावा

पंजाब और हरियाणा के सैकड़ों किसान यूनियनों ने आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है, जिसमें 25 सितंबर को इन कृषि बिलों के खिलाफ बंद भी शामिल है। हालांकि सरकार का कहना है कि इन दो बिलों से किसानों को अपनी उपज सीधे बड़े खरीदारों को बेचना आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए कानून प्राचीन कानूनों से बेहतर होंगे और बिचौलियों को कृषि व्यापार से दूर करेंगे। इससे किसानों को संस्थागत खरीदारों और वॉलमार्ट जैसे बड़े खुदरा विक्रेताओं को फसल बेचने की सहूलिय मिलेगी। मगर विरोधी पार्टियां भाजपा के इन बिलों के खिलाफ लामबंद हो गई हैं।

किस फसल का कितना बढ़ा एमएसपी

किस फसल का कितना बढ़ा एमएसपी

गौरतलब है कि गेहूं के एमएसपी में 50 रु प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। गेहूं का एमएसपी इस बढ़ोतरी के साथ 1975 रु प्रति क्विंटल हो गया है। इसी प्रकार चने का एमएसपी 225 रु बढ़ा कर 5100 प्रति क्विंटल, मसूर का एमएसपी 300 रु प्रति क्विंटल बढ़ा कर 5100 रु प्रति क्विंटल, सरसों का एमएसपी 225 रुपये बढ़ा कर 4600 प्रति क्विंटल, जौ का एमएसपी 75 रुपये के इजाफे के साथ 1600 रु प्रति क्विंटल और कुसुम का एमएसपी 112 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5327 रु हो गया है।

क्या है एमएसपी

क्या है एमएसपी

केंद्र सरकार चुनिंदा फसलों के लिए एमएसपी का ऐलान करती है। एमएसपी का ऐलान बुवाई सत्र से पहले ही होता है। एमएसपी के जरिए किसानों को फसल पर मिलने वाला न्यूनतम रेट तय होता है। सरकार की तरफ से गारंटी रहती है कि यदि फसल का दाम गिरा तो भी उन्हें तय एमएसपी अदा किया जाएगा। इससे किसान नुकसान से बचते हैं। एमएसपी किसानों को एक निश्चित भाव दिलाता है। एमएसपी कई चीजों को ध्यान में रख कर तय किया जाता है।

मोदी सरकार को हिलाने वाली MSP आखिर है क्या, आइये जानेंमोदी सरकार को हिलाने वाली MSP आखिर है क्या, आइये जानें

English summary

News of relief for farmers government decided to increase MSP

Hundreds of farmer unions in Punjab and Haryana have called for protests in the coming days, including a bandh against these agricultural bills on 25 September.
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