National Pension Scheme का नया रूल, सब्सक्राइबर्स को मिलेगा बड़ा फायदा
नई दिल्ली, जून 19। सब्सक्राइबर की सुविधा के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना या एनपीएस में एक बड़ा बदलाव किया गया है। योजना में एक वित्तीय वर्ष में वरीयता या टियर 1 खातों के निवेश पैटर्न की संख्या को कई बार तक के लिए बढ़ा दिया है। पहले के दो की तुलना में अब एक वित्तीय वर्ष में चार बार योजनाएँ बदली जा सकती हैं। मगर ध्यान रहे कि पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) को वित्त वर्ष में केवल एक बार ही बदला जा सकेगा।
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क्या है एनपीएस
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एनपीएस लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट है। साथ ही वे कहते है कि योजना वरीयता में बार-बार बदलाव आपकी संपत्ति बढ़ाने के लिए हानिकारक हो सकता है। एनपीएस सब्क्राइबर्स को उनकी पसंद के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट डेब्ट और इक्विटी के मिक्स में निवेश करने की सुविधा मिलती है।
कैसे करें बदलाव
एनपीएस के निवेशक ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से योजना वरीयता मे बदलाव कर सकते हैं। आप योजना वरीयता परिवर्तन विकल्प पर जाकर अपने एनपीएस खाता लॉग-इन के माध्यम से योजना वरीयता को ऑनलाइन बदल सकते हैं। यह सुविधा एनपीएस ऐप पर भी उपलब्ध है। यानी ये काम आप अपने मोबाइल से भी कर सकते हैं।
ये है ऑफलाइन तरीका
ग्राहक अपने संबंधित नोडल कार्यालय में फिजिकल रिक्वेस्ट (फॉर्म जीओएस-एस3) भी जमा कर सकता है। फॉर्म जीओएस-एस3 को सीआरए वेबसाइट से आप आराम से डाउनलोड कर सकते हैं। फिजिकल रिक्वेस्ट प्राप्त होने पर, नोडल कार्यालय सीआरए प्रणाली में योजना वरीयता का अपडेशन करेगा।
एनपीएस योजना में बदलाव
एनपीएस के लिए योजना वरीयता परिवर्तन टी+4 दिन में प्रोसेस किया जाता है। टी ऑथोराइजेशन की तारीख है। मौजूदा योजना का रिडम्प्शन (इकाइयों की निकासी) टी+1 में होता है। यूनिट रिडम्पशन के लिए लेटेस्ट उपलब्ध एनएवी पर विचार किया जाएगा। टी+4 पर, संशोधित 'स्कीम प्रीफेयरेंस' के अनुसार इकाइयों को ग्राहक के खाते में जमा किया जाएगा। यदि योजना वरीयता परिवर्तन पिछले कारोबारी दिन के अंत के बाद और अगले कारोबारी दिन की शुरुआत से पहले कर दी जाती है तो टी डे को रिडम्प्शन के लिए माना जाता है और रिक्वेस्ट को टी + 3 वर्किंग डेज में निपटाया जाएगा।
एनपीएस के कुल सब्सक्राइबर्स
इस बीच, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के लिए कुल ग्राहकों की संख्या 4 जून तक 5.33 करोड़ पहुंच गयी। इस बात की जानकारी पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने हाल ही में दी। 4 जून, 2022 तक, एनपीएस और एपीवाई के तहत एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 7,39,393 करोड़ रुपये थी। एनपीएस के केंद्र सरकार के कर्मचारियों की श्रेणी में ग्राहकों की संख्या 22.98 लाख और एयूएम 21,876 करोड़ थी। इस अवधि में एनपीएस की राज्य सरकार की कर्मचारी श्रेणी में कुल ग्राहक 56.46 लाख और एयूएम 3,69,837 करोड़ रु थी। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, पीपीएफ और ईपीएफ की तरह, भारत में एक ईईई (छूट-छूट-छूट) साधन है, जहां पूरी राशि परिपक्वता पर टैक्स से बच जाती है और पूरी पेंशन निकासी राशि कर-मुक्त होती है। एनपीएस की शुरुआत 1 अप्रैल 2004 के बाद शामिल हुए अपने सभी कर्मचारियों के लिए परिभाषित लाभ पेंशन को रोकने के भारत सरकार के निर्णय के साथ हुई।