National Pension System : बदल गए हैं 5 बड़े नियम, फटाफट जानिए
नई दिल्ली, अक्टूबर 15। एनपीएस अपने ग्राहकों को कई निवेश ऑप्शन ऑफर करता है। इनमें इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज शामिल हैं। एनपीएस में आपके फंड को मैनेज करने के लिए पीएफआरडीए के पास कई फंड मैनेजर रजिस्टर्ड होते हैं। इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज तीनों के लिए प्रत्येक फंड मैनेजर या एएमसी के पास अलग-अलग फंड होते हैं। एनपीएस योजना में रजिस्ट्रेशन के समय, निवेशकों को एक फंड मैनेजर चुनना होता है और एसेट क्लास (इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज) का अपना पसंदीदा ऑप्शन चुनना होता है। इक्विटी में निवेशक का अधिकतम एक्सपोजर 75 फीसदी हो सकता है। बता दें कि एनपीएस के कुछ नियमों में बदलाव किया गया है, जिनकी जानकारी आपको यहां मिलेगी।
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नया एंट्री रूल
रेगुलेटर ने हाल ही में एनपीएस में एंट्री की आयु बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी है। पहले प्रवेश की आयु 65 वर्ष थी। अब 18-70 वर्ष के बीच का कोई भी व्यक्ति एनपीएस का सब्सक्रिप्शन ले सकेगा। नए प्रवेश आयु नियम के साथ, एनपीएस से बाहर निकल चुके ग्राहक अपने खाते को फिर से खोल सकते हैं।
नया एग्जिट रूल
अब 65 साल के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले नए ग्राहकों के लिए 3 साल की लॉक-इन अवधि होगी। एनपीएस से बाहर निकलने के लिए अधिकतम आयु 75 साल है। सब्सक्राइबर टैक्स फ्री एकमुश्त राशि के रूप में कुल राशि का 60% निकाल सकते हैं और उन्हें शेष 40% का उपयोग एन्युटी खरीदने के लिए करना होगा। हालांकि, अगर राशि 5 लाख रुपये से कम है, तो ग्राहक पूरी राशि निकाल सकता है।
नया प्री-मैच्योर एग्जिट रूल
यदि आप राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से समय से पहले बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं, तो आपको एनपीएस के तहत अपनी कुल राशि का केवल 20% पैसा ही एकमुश्त यानी एक बार में मिलेगा। बाकी राशि से आपको एन्युटी खरीदनी होगी। यह 80:20 नियम 18-60 वर्ष के बीच एनपीएस में शामिल होने वाले सरकारी और गैर-सरकारी दोनों सेक्टरों के ग्राहकों के लिए लागू होगा। हालांकि, गैर-सरकारी क्षेत्र के मामले में, व्यक्ति को 10 साल का ग्राहक होना जरूरी है।
एसेट आवंटन के नियम बदले
65 साल के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले सब्सक्राइबर ऑटो और एक्टिव चॉइस के तहत क्रमशः 15 फीसदी और 50 फीसदी के अधिकतम इक्विटी एक्सपोजर के साथ पेंशन फंड और एसेट एलोकेशन के विकल्प को इस्तेमाल कर पाएंगे। पेंशन फंड को साल में एक बार बदला जा सकता है जबकि एसेट एलोकेशन को दो बार बदला जा सकता है।
ऑनलाइन एग्जिट प्रोसेस में सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों को किया शामिल
पीएफआरडीए ने सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों को ऑनलाइन एग्जिट प्रोसेस और पेपरलेस प्रोसेस में शामिल किया है। इससे पहले, केवल गैर-सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों को ही ऑनलाइन एग्जिट प्रोसेस की सुविधा का लाभ दिया जाता था। बता दें कि एनपीएस का कुल 603,667 करोड़ रु की एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, पीपीएफ और ईपीएफ की तरह, भारत में एक ईईई (छूट-छूट-छूट) उपकरण है जहां पूरी राशि मैच्योरिटी पर टैक्स से बच जाती है और पूरी पेंशन निकासी राशि टैक्स फ्री होती है।