Mutual Fund : SIP क्यों है निवेश का बेस्ट तरीका, जानिए 5 कारण
नयी दिल्ली। यदि आप एक नये निवेशक हैं तो मौजूद सभी ऑप्शनों में से सही विकल्प चुनने में आपको दिक्कत हो सकती है। स्टॉक, बॉन्ड आदि के बारे में सारी जानकारी जुटाना एक थकाऊ काम हो सकता है। खास कर उन लोगों के लिए जो फाइनेंस बैकग्राउंड से नहीं है। यही वो स्थिति है जब म्यूचुअल फंड आपकी मदद करते हैं। म्यूचुअल फंड को एक्सपीरियंस रखने वाले प्रोफेशनल्स संभालते हैं, जो शेयर बाजार के प्रदर्शन पर बारीक नज़र रखते हैं और उसी आधार पर निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड में ढेर सारी योजनाएं होती हैं, जिनमें से आपको अपने जोखिम और टार्गेट के आधार पर स्कीम का चुनाव करना चाहिए। म्यूचुअल फंड में यदि आप एक साथ पैसा नहीं लगा सकते तो एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश कर सकते हैं। एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश के कई फायदे हैं, जिनमें 5 बड़े बेनेफिट के बारे में हम आपको यहां बताएंगे।

निवेश के लिए अनुशासन
निश्चित समय पर निवेश और ऑटोमैटिक कटौती (एसआईपी का पैसा आपके बैंक खाते से हर महीने ऑटोमैटिक कट जाता है) से आपको नियमित रूप से निवेश करने के साथ-साथ बचत करने की सुविधा मिलती है। निवेश के लिए जानकार अनुशासन को बहुत अहम मानते हैं। एसआईपी इसी अनुशासन को कायम करने में आपकी मदद कर सकती है। एसआईपी में आप एक तारीख और रकम तय करते हैं। फिर हर महीने उसी तारीख पर आपकी रकम कटती रहती है।

कम से कम निवेश
भारत में अधिकतर म्यूचुअल फंड आपको मासिक 500 रुपये या इससे भी कम राशि निवेश करने की सुविधा देते हैं। यानी आपको हर महीने बहुत बड़ा फंड निवेश करने की जरूरत नहीं है। आप जब चाहें एसआईपी योगदान राशि बढ़ा भी सकते हैं। आप अपनी पसंद की एक अलग योजना में एक और एसआईपी भी शुरू कर सकते हैं। इस तरह आपको डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है।

कोई भावनात्मक (इमोशनल) निवेश नहीं
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते हैं। ऐसे में आपको सही समय पर खरीदारी करने की जानकारी होनी चाहिए। हालांकि शेयर बाजार में कब क्या होगा ये कोई भी दावे से नहीं कह सकता। मगर एसआईपी के मामले में आपको हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करते रहना होगा, फिर भले ही बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहे। इसमें आपका फैसला म्यूचुअल फंड हाउस लेगा, जो इमोशनल नहीं बल्कि रिसर्च के आधार पर फैसला लेता है।

सस्ती पड़ेगी एनएवी
जैसा कि हमने ऊपर जिक्र किया कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है। एसआईपी से आप लगातार निवेश करते हैं, जिससे गिरावट पर आपको म्यूचुअल फंड की सस्ती (एनएवी) मिलेगी। वहीं बाजार चढ़ने पर आपके निवेश की वैल्यू बढ़ती है। इस स्थिति में एक साथ पैसा लगाने के बजाय एसआईपी बहुत काम की है।

निवेश शुरू करना आसान
टॉप म्यूचुअल फंड कंपनियां अपने ग्राहकों को एसआईपी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा देती हैं और ऑनलाइन निवेश का प्रबंधन भी करती हैं। एक बार एसआईपी शुरू हो जाने के बाद फंड हाउस ग्राहकों को अपने निवेश के प्रदर्शन को ऑनलाइन ट्रैक करने, अपनी योजना में बदलाव करने और यहां तक कि इसे रिडीम करने की सुविधा देते हैं। ये सारे काम आप घर बैठे कर सकते हैं।
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