Mutual Fund : 200 रु से तैयार करें 1 करोड़ रु का फंड, इतना लगेगा समय
नई दिल्ली, मई 15। म्यूचुअल फंड एक तरह का फाइनेंशियल निवेश ऑप्शन है जो कई निवेशकों से पैसा जुटा कर स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और अन्य एसेट्स में निवेश करता है। म्यूचुअल फंड पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा संचालित होते हैं, जो फंड को अलग-अलग एसेट्स में निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को इसके प्रॉस्पेक्टस में बताए गए निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए तैयार किया जाता है। आम तौर पर म्यूचुअल फंड स्कीम 12-13 फीसदी सालाना रिटर्न दे देती हैं। अच्छी स्कीमें लंबे समय में आपको 15 फीसदी तक रिटर्न दे सकती हैं। आगे जानिए कैसे आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके 200 रु से 1 करोड़ रु का फंड बना सकते हैं।
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एसआईपी कैल्कुलेटर
कई वेबसाइटों पर एसआईपी कैल्कुलेटर उपलब्ध हैं। इनमें से एक साइट है ग्रो। इस साइट पर मौजूद म्यूचु्अल फंड एसआईपी कैल्कुलेटर के अनुसार यदि आप किसी स्कीम में 21 साल तक हर महीने 6000 रु (रोज के 200 रु) जमा करते हैं और आपको 12 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आप 68.3 लाख रु का फंड तैयार कर सकते हैं।
15 फीसदी रिटर्न मिले तो
इसी कैल्कुलेटर के अनुसार यदि आप किसी स्कीम में 21 साल तक हर महीने 6000 रु (रोज के 200 रु) जमा करते हैं और आपको 15 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आप 21 साल बाद 1.06 करोड़ रु का फंड तैयार कर सकते हैं।
कितनी राशि होगी निवेश
हैरानी की बात यह है कि 21 साल में आप 200 रु रोज से केवल 15.12 लाख रु का निवेश करेंगे, जबकि 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से आपको 91.24 लाख रु का फायदा मिलेगा। यानी निवेश से 6 गुना से अधिक आपको लाभ ही होगा।
करीब 2 करोड़ रु का फंड
कैल्कुलेटर के अनुसार यदि आप किसी स्कीम में 21 साल के बजाय 25 साल तक हर महीने 6000 रु (रोज के 200 रु) जमा करते हैं और आपको 15 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आप 25 साल बाद 1.97 करोड़ रु का फंड तैयार कर सकते हैं।
इन गलतियों से बचें
किसी अच्छी स्कीम में निवेश करने के साथ साथ गलतियों से बचना भी जरूरी है। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो पहले वित्तीय लक्ष्य यानी फाइनेंशियल टार्गेट तय करें। इसका मतलब कि आप म्यूचुअल फंड में एसआईपी की शुरुआत क्यों करने कर रहे हैं। अगर आपने ऐसा न किया तो आप जल्दबाजी में कोई गलत फंड चुन सकते हैं। जबकि आपको फंड ऐसा चुनना है जो आपके टार्गेट को पूरा करने में मददगार हो। जब बाजार गिरता है तो निवेशक घबरा जाते हैं और या तो एसआईपी रोक देते हैं या बाहर निकल जाते हैं। मगर ये सबसे बड़ी गलती है। बाजार गिरने पर तो मौका होता है महंगी चीज को सस्ते दामों पर खरीदने का। बस आपको बाजार की चाल पर ध्यान देनी। गिरने पर खरीदारी बढ़ा दें। न तो किसी दूसरे को देख कर फंड में बदलाव करें और न ही खरीदारी करें। बल्कि रिसर्च बेस पर फंड चुनें। एक बार पोर्टफोलियो बन जाए तो उस पर नजर रखें मगर जल्दी जल्दी बदलाव न करें। इससे आपको फायदा नहीं होगा।