Mutual Fund : एसआईपी पर निवेशकों का भरोसा बरकरार, किया 8,376 करोड़ रु का निवेश
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस ने चारों तरफ उथल-पुथल मचा रखी है। शेयर बाजारों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न घट गए हैं। कुछ स्कीम के रिटर्न तो निगेटिव तक हो गए। उधर कोरोना की वजह लोगों के वेतन में कटौती हुई और नौकरी तक छूट गई। मगर इस सबके बावजूद म्यूचुअल फंड निवेशकों का एसआईपी से भरोसा नहीं उठा। अप्रैल 2020 में इक्विटी म्यूचुअल फंड और एसआईपी में निवेश स्थिर रहा। सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स या एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में अच्छा खासा निवेश किया गया। आंकड़ों के मुताबिक एसआईपी के माध्यम से अप्रैल में म्यूचुअल फंड में 8376 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 8641 करोड़ रुपये रहा था। जिस तरह की हलचल म्यूचुअल फंड सेक्टर में कोरोना ने मचाई है उसके मुकाबले ये बहुत मामूली गिरावट मानी जा रही है।
इक्विटी योजनाओं में घटा निवेश
हालांकि इक्विटी योजनाओं में निवेश में भारी गिरावट आई है। मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में शुद्ध निवेश 11,723 करोड़ रुपये का रहा था, जो अप्रैल में घट कर 6,212.96 करोड़ रुपये रह गया। इसके अलावा मार्च में लार्ज और मल्टीकैप फंड में निवेशकों ने अच्छा खासा निवेश किया था, मगर अप्रैल में ये मोंमेटम बरकरार नहीं रह सका। मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में 350-500 करोड़ रुपये की रेंज में निवेश आया। थोड़ी हैरानी इस बात को लेकर है कि शेयर बाजार में रिकवरी के बावजूद इक्विटी स्कीम में निवेश घटा है। अप्रैल में सेंसेक्स 13.65 फीसदी ऊपर चढ़ा।
कुल 1.67 लाख करोड़ रुपये का निवेश
अप्रैल में म्यूचुअल फंड में कुल 1.67 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया। इनमें लिक्विड फंड्स योजनाओं की हिस्सेदारी काफी रही। लिक्विड फंड्स के जरिए अप्रैल में 68,848.01 करोड़ रुपये का निवेश म्यूचुअल फंड्स आया। वहीं क्रेडिट रिस्क स्कीम में से निवेशकों ने 19,238.98 करोड़ रुपये निकाले। एसआईपी से एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) मार्च में 2.39 लाख करोड़ रुपये से बढ़ कर अप्रैल में 2.75 लाख करोड़ रुपये की हो गईं। इसके अलावा एसआईपी फोलियो की कुल संख्या 3.12 करोड़ से मामूली बढ़त के साथ 3.13 करोड़ हो गई।
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