Mutual Fund : Debt स्कीम में जरूर करें निवेश, बढ़िया रिटर्न के साथ बचेगा Tax
नयी दिल्ली। जो लोग शेयर बाजार से घबराते हैं उनके लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड एक बढ़िया ऑप्शन होता है। क्योंकि तब आपका पैसा पूरी रिसर्च के साथ इक्विटी बाजार में एक्सपर्ट्स लगाते हैं। मगर यदि आप म्यूचुअल फंड में जीरो जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं तो फिर इक्विटी के बजाय डेब्ट फंड अच्छा नहीं बल्कि बेस्ट ऑप्शन है। निश्चित रिटर्न के साथ ये आपको टैक्स बचाने में भी मदद करता है। वैसे भी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में डेब्ट फंड को जरूर शामिल करना चाहिए। इससे जोखिम कम होता है, टैक्स बचता है और निवेश पर गारंटीड रिटर्न मिलता है। हालांकि डेब्ट फंड में रिटर्न सीमित ही रहेगा। अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो इक्विटी फंड में निवेश करें। मगर सुरक्षा के लिहाज से, खास कर रिटायर हो चुके लोगों के लिए, डेब्ट फंड ही बढ़िया रास्ता है।
कैसे बचता है टैक्स
मार्केट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि टैक्स बचाने के लिए निवेश के लिहाज से डेब्ट फंड एक बढ़िया ऑप्शन है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डेब्ट फंड पर आपको जो भी मुनाफा होगा उस पर टैक्स या टीडीएस नहीं कटेगा। हां अगर आप इसे बेचें या रिडीम करें तब इस पर टैक्स लगता है। उस समय टैक्स कितना लगेगा इसके लिए देखा जाएगा कि आपने फंड में 3 साल से कम या इससे ज्यादा के लिए निवेश रखा है।
निश्चित रिटर्न की गारंटी
डेब्ट फंड पर रिटर्न फिक्स रहता है। ये रिटर्न आपको ब्याज के रूप में मिलेगा। बताया जाता है कि 1-2 साल के लिहाज से ये बढ़िया ऑप्शन है। डेब्ट फंड में निश्चित मैच्योरिटी अवधि होती है। मगर आप चाहें तो इससे पहले भी पैसा निकाल सकते हैं। ध्यान रहे कि समय से पहले पैसा निकालने पर आपको कुछ जुर्माना देना होगा, जो बहुत अधिक नहीं होता। अच्छी बात ये है कि यहां रिटर्न फिक्स रहेगा, जिससे आपके लिए अपनी जरूरतों के लिए कैल्कुलेशन करना आसान है।
शॉर्ट टर्म के लिए बेस्ट
डेब्ट फंड 1-3 साल के लिए छोटे टार्गेट के लिए बढ़िया माध्यम है। इसमें कार खरीदना जैसे उद्देश्य पूरे किए जा सकते हैं। जोखिम कम होने के चलते आपका निवेश किया गया पैसा बढ़ेगा ही। लगातार एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं और 3 साल में आप एक अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
डेब्ट फंड में निवेश के बाद उसकी लगातार निगरानी जरूर करते रहें। दूसरी बात उस योजना के पोर्टफोलियो पर भी जरूर ध्यान दें। निवेश से पहले स्कीम के पोर्टफोलियो में इंस्ट्रूमेंट की रेटिंग की जांच करें। उन योजनाओं में निवेश करें जिनमें "एएए" रेटिंग वाले उपकरण शामिल हों।
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