1 साल में FD से 4 गुना ज्यादा हुई कमाई, 2 साल में पैसा हो सकता है डबल
नयी दिल्ली। निवेश के लिए आज भी बहुत से लोग एफडी को पसंद करते हैं। मगर इस समय एफडी पर उतना अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा, जितना कुछ साल पहले मिला करता था। ब्याज दरें काफी नीचे हैं। इसलिए एफडी निवेशकों को दूसरे ऑप्शनों पर भी जरूर ध्यान चाहिए। वैसे अब ज्यादा म्यूचुअल फंड की तरफ अधिक ध्यान दे रहे हैं, जो सही भी है। क्योंकि एफडी के मुकाबले म्यूचुअल फंड में अच्छा रिटर्न मिलता है। आइए जानते हैं एफडी के मुकाबले म्यूचुअल फंड पर मिले रिटर्न की डिटेल।
एफडी से 4 गुना कमाई
यदि आप एफडी में निवेश करें तो आपको सिर्फ 5-6 फीसदी का रिटर्न मिलेगा। इतने कम रिटर्न के कारण ही एक्सपर्ट्स भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने को प्राथमिकता देते हैं। जहां तक अच्छे म्यूचुअल फंड की बात है तो मिरे एसेट टैक्स सेवर फंड का काफी शानदार माना जा रहा है। ये फंड काफी पसंद किया जा रहा है। इस फंड ने पिछले एक साल में 22 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि इस अवधि में एफडी से सिर्फ 5-6 फीसदी ही रिटर्न मिला। कुछ ऐसे भी फंड हैं जिन्होंने पिछले साल 50 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। यानी ऐसे फंड दो साल में ही आपका पैसा डबल कर सकते हैं।
5 साल का रिटर्न
5 साल में इस फंड में 19.73 फीसदी (27 जनवरी तक) का दमदार रिटर्न दिया है। इसका तीन साल का सालाना रिटर्न 10.06 फीसदी रिटर्न दिया है। अगर इस फंड के बारे में एक्सपर्ट्स की राय पर नजर डालें तो ये फंड सभी जरूरी चीजों का ध्यान रखे हुए है। इनमें सबसे जरूरी चीज है बढ़िया शेयरों का चुनाव। अच्छी बात ये है कि इस फंड में मिडकैप के मुकाबले लार्जकैप शेयरों में ज्यादा निवेश किया जाता है। लार्ज कैप शेयरों में मिड कैप के मुकाबले ज्यादा कम जोखिम रहता है।
कौन-कौन से शेयर हैं पोर्टफोलियो में
मिरे एसेट टैक्स सेवर फंड के पोर्टफोलियो में अशोक लेलैंड, एक्सिस बैंक, डाबर इंडिया, गुजरात स्टेट पेट्रोनेट के अलावा एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, जेके सीमेंट, मारुति सुजुकी, एमआरएफ और नैटको फार्मा जैसे शेयर शामिल हैं। साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और टोरेंट फार्मा जैसे शेयर भी मिरे एसेट टैक्स सेवर फंड के पोर्टफोलियो में हैं।
कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश
आपके पास म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश करने की सुविधा होती है। आप किसी एडवाइजर की भी मदद ले सकते हैं। आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में भी निवेश कर सकते हैं। एडवाइजर के जरिए निवेश करने पर आप रेगुलर प्लान में निवेश करेंगे। वहीं डायरेक्ट निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर जाना होगा। डायरेक्ट निवेश पर कमीशन देने से बच जाते हैं।
एनएफओ क्या है
अगर आप एनएफओ के बारे में नहीं जानते तो बता दें कि म्यूचुअल फंड कंपनी अपनी नई स्कीम के लिए एनएफओ लेकर आती है और शेयरों या बॉन्ड में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे हासिल करती है। इसके लिए कंपनियां टार्गेट भी तय करती हैं कि उन्हें एनएफओ से कितना पैसा जुटाना है।
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