Mutual Fund : 10 साल में बुरा रहा हाल, हाथ न आया मनचाहा रिटर्न
नयी दिल्ली। म्यूचुअल फंड के जानकार और सलाहकार एसपीआई (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश करने की सलाह देते हैं। साथ ही म्यूचुअल फंड में हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह भी दी जाती है। मगर एसआईपी के जरिए लंबी अवधि तक निवेश करने से भी म्यूचुअल फंड निवेशकों को बहुत अच्छा रिटर्न नहीं मिला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 सालों में इक्विटी स्कीम में अधिकतर एसआईपी स्कीम से निवेशकों को 8 फीसदी से कम का रिटर्न मिला। अगर रिटर्न की ही बात करें तो निवेशकों को इतना ही रिटर्न सरकारी बचत योजनाओं पर मिल जाता। ऊपर से इक्विटी स्कीम होने के चलते म्यूचुअल फंड की इन योजनाओं में निवेशकों के लिए जोखिम भी लगातार रहता है। जबकि बचत योजनाओं में ऐसा कोई जोखिम नहीं होता।
नहीं मिला उम्मीद के मुताबिक रिटर्न
अकसर इक्विटी स्कीमों में जोखिम तो रहता है मगर उनमें रिटर्न भी डेब्ट योजनाओं के मुकाबले अच्छा रहता है। पर एक दशक से ज्यादा समय से मौजूद प्रोडक्ट्स पर वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों पर आधारित ईटी की स्टडी के अनुसार 241 में से 174 योजनाओं में निवेशकों के हाथ 8 फीसदी से भी कम रिटर्न हाथ लगा। इस पूरी अवधि में इन योजनाओं में से 42 ने 8 से 10 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि केवल 25 टॉप परफॉर्मर फंड्स में निवेशकों के हाथ 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न आया। बता दें कि इस दौरान गोल्ड जैसे दूसरे विकल्पों ने निवेशकों को मालामाल कर दिया, मगर म्यूचुअल फंड एसआईपी ऑप्शन बहुत पीछे रह गया।
क्या रही कम रिटर्न की वजह
10 सालों के रिटर्न में कमी की एक बड़ी वजह पिछले 2 महीनों में शेयर बाजार में मची तबाही है। कोरोनावायरस के कारण मची उथल-पुथल ने शेयर बाजारों को अर्श से फर्श पर ला दिया, जिसका सीधा असर म्यूचुअल फंड की इक्विटी योजनाओं के रिटर्न पर पड़ा। जनवरी में अपने रिकॉर्ड उच्च स्तरों के मुकाबले सेंसेक्स और निफ्टी 23 फीसदी नीचे हैं। बता दें कि लार्ज कैप शेयरों में निवेश करने वाले फंड फिर भी अच्छी हालत में रहे, मगर मिड और स्मॉल कैप शेयरों में पैसा लगाने वाले फंड की हालत और भी खराब रही, क्योंकि इन शेयरों में जनवरी 2018 से ही स्थिति अच्छी नहीं रही।
गोल्ड और फिक्स्ड इनकम स्कीम से कम रहा रिटर्न
पिछले 2 महीनों में शेयर बाजार में हुई तगड़ी बिकवाली से बहुत सारी इक्विटी स्कीम का रिर्टन पिछले 10 सालों में गोल्ड और फिक्स्ड इनकम स्कीम से कम रहा। बाजार एक्सपर्स्ट कहते हैं कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि एसआईपी की तुलना हम सोने और फिक्स्ड इनकम से तब कर रहे हैं, जब इक्विटी में 25-30 फीसदी की तेज गिरावट देखी गई है, जबकि सोना अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर है और फिक्स्ड इनकम में दरों में कटौती के चलते काफी लाभ हुआ है। म्यूचुअल फंड निवेशकों को जानकार सलाह देते हैं कि अगर कोई फंड अच्छा रिटर्न न दे तो आपको उससे बाहर निकल कर दूसरे फंड्स और विकल्पों का रुख करना चाहिए।
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