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Success Story : स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई, मगर बना हजारों करोड़ रु की कंपनी का मालिक

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नई दिल्ली, सितंबर 6। कहा जाता है कि इंसान अपनी मेहनत से कुछ भी संभव कर सकता है। मुस्तफा पीसी ऐसे ही लोगों में से एक है, जिनका जन्म केरल के एक सुदूर गांव में हुआ था। उनके पिता, एक दिहाड़ी मजदूर और अच्छी तरह से शिक्षित नहीं थे। मगर वे अपने बच्चों को शिक्षित करने का सपना देखते थे। लेकिन मुस्तफा अपने पिता के साथ खेती में शामिल हो गए और कक्षा 6 में असफल होने के बाद स्कूल छोड़ दिया। उन्होंने दैनिक वेतन में मुश्किल से 10 रुपये कमाए। दिन में तीन बार भोजन कर पाना एक दूर का सपना था। उन्होंने खुद से कहा कि अभी भोजन शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है। मगर उनकी मेहनत रंग लाई और आज मुस्तफा हजारों करोड़ रु की कंपनी के मालिक हैं।

 

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शुरू की अपनी कंपनी

शुरू की अपनी कंपनी

एक शिक्षक थे जिन्होंने मुस्तफा पीसी को फिर से स्कूल लौटने में मदद की। ये एक ऐसा कदम था, जिसने खेती करने वाले मजदूर के बेटे को अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी दिलाने में मदद की और बाद में वे नई फूड कंपनी शुरू कर सके। ये आज अपनी तरह की सबसे सफल कंपनियों में से एक है। उनकी कंपनी का नाम है आईडी फ्रेश फूड। मुस्तफा इस कंपनी के सीईओ हैं।

टीचर ने की मदद
 

टीचर ने की मदद

एक रिपोर्ट के अनुसार मुस्तफा बताते हैं कि एक शिक्षक ने उन्हें स्कूल लौटने के लिए मना लिया और उन्हें मुफ्त में पढ़ाया भी। इस वजह से उन्होंने मैथ में अपनी कक्षा में टॉप किया। इससे उत्साहित होकर वह स्कूल टॉपर बन गए। जब उनके कॉलेज जाने का समय आया, तो उनके शिक्षकों ने उनकी फीस का भुगतान किया। मुस्तफा को जब नौकरी मिली तो उनका पहला वेतन 14,000 रुपये था, जिसे उन्होंने अपने पापा को दिया। इस पर उनके पापा रोए और कहा कि मैंने जीवन भर में जितना कमाया है, तुमने उससे अधिक कमाया है।

विदेशी में मिली नौकरी

विदेशी में मिली नौकरी

मुस्तफा को बाद में विदेश में नौकरी मिल गई, जिससे उनके पिता पर 2 लाख रु के लोन को दो महीने में चुकाने के लिए पर्याप्त कमाई हुई। लेकिन अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी होने के बावजूद, वह अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे। आईडी फ्रेश फूड का आइडिया तब आया जब मुस्तफा के चचेरे भाई ने एक सप्लायर को एक सादे पाउच में इडली-डोसा बैटर बेचते हुए देखा। कंज्यूमर क्वालिटी के बारे में शिकायत कर रहे थे। मुस्तफा के चचेरे भाई ने उन्हें "क्वालिटी बैटर कंपनी" बनाने के आइडिया से बुलाया और इससे आई डी फ्रेश फूड का जन्म हुआ।

कर्मचारियों से किया वादा

कर्मचारियों से किया वादा

वर्षों तक, कंपनी ने संघर्ष किया और गंभीर नुकसान का सामना किया। एक समय था जब वे अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सकते थे। मुस्तफा ने अपने 25 कर्मचारियों से वादा किया था कि एक दिन वे उन्हें करोड़पति बनाएंगे। वे इस पर हंसे लेकिन मुस्तफा ने उन्हें अपनी कंपनी से शेयर दिए और कहा धैर्य रखों। बाद में उनका वादा पूरा हुआ। उनकी कंपनी 2000 करोड़ रु की बन गई।

इस बात का है मलाल

इस बात का है मलाल

मुस्तफा को एक अफसोस है कि वह अपनी सफलता को अपने बचपन के शिक्षक के साथ साझा नहीं कर सके। आज वह अपनी विरासत का सम्मान करते हुए उसे मिलने वाले हर मौके की बात करते हैं। जब वे घर लौटे तो उन्हें पता चला कि उनके शिक्षक का निधन हो गया है। मुस्तफा पीसी की "स्कूल छोड़ने वालों" में से एक होने के बाद एक कामयाब सीईओ बनने तक की प्रेरक यात्रा ने उन्हें सोशल मीडिया पर बहुत प्रशंसा दिलाई है।

English summary

Mustafa PC School drop out became owner of company worth thousands of crores

When Mustafa got the job, his first salary was Rs 14,000, which he gave to his father. On this his father cried and said that you have earned more than what I have earned in my lifetime.
Story first published: Monday, September 6, 2021, 15:12 [IST]
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