Multibagger Share: 18,000 रु को बना दिया 1 करोड़ रु, अभी भी उम्मीदें
नई दिल्ली, सितंबर 17। देश के साथ-साथ दुनिया की भी सबसे बड़ी एग्रोकेमिकल कंपनियों में से एक है यूपीएल लिमिटेड। हम पिछले दो दशकों की बात करें तो इस कंपनी ने अपने इनवेस्टर्स को लगातार एक बेहतर और मोटा रिटर्न दिला कर करोड़ो रूपये का मुनाफा दिलाया है। यह शेयर इस बात का एक उदाहरण हैं कि अगर इन्वेस्टर धैर्य के साथ सही कंपनी में महज कुछ हजार रु का निवेश करके भी करोड़पति बना सकता हैं।
गजब : गलती से खाते में आए हजारों करोड़ रु, शेयर में निवेश कर की मोटी कमाई
58,612.50 प्रतिशत अभी तक बढ़ोतरी
16 सितंबर शुक्रवार को यूपीएल लिमिटेड के शेयर की बात करें तो इसका शेयर बीएससी पर शुक्रवार को 704.55 रु की कीमत पर बंद हुआ। हालांकि एनएसई पर जब पहली बार 20 वर्ष पहले यूपीएल के शेयर का कारोबार शुरू हुआ था। उस व्यक्त इसकी कीमत मात्र 1.2 रूपये था। इसकी कीमत की बात करें तो इसकी कीमत में अभी तक लगभग 58,612.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैं।
पिछले 5 वर्ष में 31 प्रतिशत रिटर्न
यानी कि यदि किसी व्यक्ति ने इसमें 20 वर्ष पहले 1 लाख रु का निवेश किया होता तो उसके पास अभी 5.87 करोड़ रु हो गए होते। वही यदि किसी इन्वेस्टर ने इसमें 18 हजार रु का इन्वेस्ट किया होता तो इसके 18 हजार रु की वैल्यू 1 करोड़ 5 लाख रु हो गई होती यानी वो करोड़ पति हो गया होता। यदि हम इस शेयर की हाल ही के प्रदर्शन की बात करें तो इस शेयर में पिछले 1 महीने में लगभग 10.87 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली हैं और पिछले 1 वर्ष में इसका भाव 5 प्रतिशत तक गिर हैं। यदि हम पिछले 5 वर्ष की बात करें तो इस शेयर ने 31 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया हैं अपने निवेशकों को।
दुनिया को 5वीं सबसे बड़ी एग्रोकेमिकल कंपनी बन गई है
इस कंपनी का नाम यानी यूपीएल लिमिटेड का पहले नाम यूनाइटेड फास्फोरस लिमिटेड था। ये एक इंडियन मल्टीनेशनल कंपनी है। ये कंपनी इंडस्ट्रियल केमिकल, स्पेशियलटी केमिकल, एग्रोकेमिकल, केमिकल इंटरमीडियरीज को बनाती हैं। साथ ही ये कंपनी उसकी मार्केटिंग भी करती हैं। इसके साथ ही ये कंपनी फसल सुरक्षा से जुड़े सॉल्यूशंस भी मुहैया कराती हैं। कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, आर्यस्ता लाइफसाइंस के अधिकग्रहण हुआ हैं। उसके बाद अब ये कंपनी दुनिया को 5वीं सबसे बड़ी एग्रोकेमिकल कंपनी बन गई है। इस साथ ये कंपनी ग्लोबल फूड सिस्टम्स की अग्रणी कंपनी का हैं। इसकी उपस्थिति की बात करें तो 138 से भी ज्यादा देशों में हैं। इसका वार्षिक रेवेन्यू पिछले वित्तीय वर्ष में 504 करोड़ डॉलर रहा था।