Mukesh Ambani : Z+ सिक्योरिटी करती है रक्षा, हर महीने आता है इतना खर्च
नई दिल्ली, जुलाई 31। कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी परिवार के खिलाफ दाखिल की गई उस याजिका को खारिज कर दिया, जिस याचिका में अंबानी के परिवार को मिली जेड प्लस सुरक्षा को हटाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह केवल सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट से ही तय हो सकता है। किसे सुरक्षा मिलना चाहिए और किसे नही।
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अंबानी की जेड प्लस सुरक्षा के खिलाफ जनहित याचिका दायर
मुकेश अंबानी देश के दिग्गज कारोबारियों में से एक है जिन्हे जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। मगर त्रिपुरा हाईकोर्ट में विकास साहा नामक एक व्यक्ति ने अंबानी की जेड प्लस सुरक्षा के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की बेंच ने इस जनहित याचिका को हाल ही में खारिज करते हुए केंद्र को सुरक्षा जारी रखने का आदेश दिया है।
मुकेश अंबानी खुद उठाते है जेड प्लस की सुरक्षा का खर्च
देश के उन चुनिंदा लोगो में से एक है मुकेश अंबानी जिन्हे जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है। मुकेश अंबानी की जेड+ सुरक्षा पर लगभग 15 से 20 लाख रुपए प्रतिमाह का खर्च आता है। अंबानी को जेड+ सुरक्षा 2013 में आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से मिली धमकियों के बाद यूपीए सरकार ने मुहैया कराई थी। अंबानी इस जेड+ सुरक्षा पूरा खर्च खुद उठाते हैं। वैसे अधिकांश मामलों में यह खर्च सरकार को उठाना पड़ता है।
सुरक्षा जारी रखने का दिया फैसला
किस व्यक्ति को खतरा है और किस व्यक्ति को खतरा नहीं है ये सिर्फ सुरक्षा एजेंसी तय कर सकती है। यह बात सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कही गई है। बेंच ने कहा मुकेश अंबानी एक प्रमुख कारोबारी है और उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसमें विश्वास नहीं करने की कोई वजह नहीं है। यदि व्यक्ति खुद सुरक्षा का खर्च उठाने को तैयार है तो उसे सुरक्षा मिलनी ही चाहिए कोर्ट ने अपने फैसले में हाल ही में मुकेश अंबानी के घर के बाहर रखे गए बम की बात भी कही।