सबसे महंगा आम : कीमत 2.7 लाख रु प्रति किलो, खेती से बनें मालामाल
नई दिल्ली, मार्च 31। पिछले साल एक खबर आई थी कि मध्य प्रदेश में एक दंपति ने भारत में एक बहुत ही दुर्लभ फसल की रक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड और सुरक्षा कुत्तों को तैनात किया है। उन्होंने मुख्य रूप से जापान में उगाए जाने वाले मियाज़ाकी आम की फसल को बचाने के लिए ऐसा किया था। दंपति न कहा था कि उन्हें ट्रेन में एक आदमी ने पौधे के अंकुर दिए थे। बता दें कि ये आम आम की सामान्य और अन्य किस्मों की तुलना में अपने अलग रूप और रंग के लिए लोकप्रिय है जो भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में लोकप्रिय हैं। मध्य प्रदेश में दंपति ने कहा कि फल माणिक रंग का होता है। इन आमों को "एग ऑफ सन" (जापानी में ताइयो-नो-तमागो) के नाम से भी जाना जाता है।
एक Engineer हर महीने पपीते से कमा रहा 1 लाख रु से अधिक, आप भी करें ये काम
क्यों पड़ा ये नाम
ये आम जापान के क्यूशू प्रान्त में मियाज़ाकी शहर में उगाए जाते हैं। इसीलिए इनका नाम मियाजाकी पड़ गया है। इन आमों का वजन 350 ग्राम से अधिक होता है और इनमें चीनी की मात्रा 15% या अधिक होती है। जापान में मियाज़ाकी स्थानीय उत्पादों और व्यापार संवर्धन केंद्र के अनुसार, ये आम अप्रैल और अगस्त के बीच चरम फसल के दौरान उगाए जाते हैं।
बहुत अधिक है कीमत
जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मियाज़ाकी आम दुनिया में सबसे महंगे हैं और पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2.70 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिके। जापानी व्यापार संवर्धन केंद्र के अनुसार, मियाज़ाकी एक प्रकार का "इरविन" आम है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापक रूप से उगाए जाने वाले पीले "पेलिकन आम" से अलग है।
आंखों के लिए फायदेमंद
मियाज़ाकी के आम पूरे जापान में भेजे जाते हैं, और ओकिनावा के बाद जापान में इनकी प्रोडक्शन वॉल्यूम दूसरे नंबर पर है। रेड प्रमोशन सेंटर ने कहा कि ये आम एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं और इसमें बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड होता है, जो उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है, जिन्हें थकी हुई आंखों के लिए मदद की जरूरत है। वे कम दृष्टि को रोकने में भी मदद करते हैं।
कब शुरू हुआ प्रोडक्शन
मियाज़ाकी में इस आम का उत्पादन 70 के दशक के अंत और 80 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के गर्म मौसम, लंबे समय तक धूप और भरपूर बारिश ने मियाज़ाकी के किसानों को आम की खेती के लिए जाना संभव बना दिया है। यह अब यहां की प्रमुख उपज है।
भारत में भी खेती
मियाज़ाकी आमों को निर्यात करने से पहले एक सख्त जाँच और परीक्षण से गुजरना पड़ता है। जो उच्चतम गुणवत्ता मानक पास करते हैं, उन्हें "एग ऑफ सन" कहा जाता है। ये आम अक्सर लाल रंग के होते हैं और इनका आकार डायनासोर के अंडे जैसा दिखता है। अब इनकी खेती भारत में भी शुरू हो चुकी है। यदि आप इन आमों को उगाना चाहते हैं तो पहले इन जानकारी जुटानी होगी। यदि आप इनकी फसल उगाएं तो मोटा प्रोफिट हो सकता है। इनके लिए खास वातावरण आदि की जरूरत होगी। ये सारी जानकारी आपको पहले हासिल करनी होगी।