Morgan Stanley : सेंसेक्स छू सकता है 80,000 अंक का स्तर, जानिए कब तक
Sensex : बीएसई सेंसेक्स जो है। वो आने वाले एक वर्ष में 80,000 का जो स्तर है। उस स्तर को छू सकता है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गेन स्टैनली के विश्लेषक है। उन्होंने यह अनुमान को जारी किया हैं। उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2023 तक को सेंसेक्स है। वो 80 हजार के स्तर को छू सकता है। हालांकि जो फर्म है उन्होंने तीन शर्ते भी रखी। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि अगर भारत ग्लोबल बांड इंडेक्सेज में शामिल होता है। तेल और खाद सहित कमोडिटी की जो कीमतें है उसमें गिरावट आती है साथ ही वर्ष 2022-25 के बीच जो कमाई है। 25 प्रतिशत वार्षिक के हिसाब से करती हैं, तो यह संभव होगा।
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20 अरब डॉलर का इनफ्लो 12 महीनों में
जो जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट ग्लोबल इंडेक्स हैं। उस इंडेक्स में अपने ब्रांड की एंट्री करने के लिए देश को आने वाले वर्ष की जो शुरुआत है। तब तक रुकना हो सकता हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कठिन परिचालन संबंधी जो मुद्दे है इसकी वजह से इसमें देरी हुई है। वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज जो है। उन्होंने एक नोट में लिखा है कि जो ग्लोबल बांड इंडेक्स है। उसमें देश को शामिल होने में आने वाले 12 महीने है उसमें करीब 20 अरब डॉलर का इनफ्लो हो सकता है। जिस वजह से जो शेयर बाजार है उसमें तेजी आ सकती है।
जरूरत है कुछ मुद्दों को हल करने की
रॉयटर्स की रिपोर्ट्स में पहले कहा गया था। कि, स्थानीय बांड सेटलमेंट नियम, कर जटिलताएं सहित कुछ परिचालन संबंधी ये कुछ मुद्दे है, जो मुद्दे हैं उनको हल करना बेहद जरूरी हैं। इंडेक्स इन्वेस्टर जैसे विदेशी निपटान प्लेटफार्म का पक्ष लेते हैं, मगर भारत की तरफ से कहा गया है। कि वह चीन की जैसे जो ऑनशोर हैं उसको सेटल करना चाहता है। आरबीआई और सरकार मिल इस मुद्दे को इस वर्ष के आखिरी तक सुलझा लेंगे। अगर ये जो मुद्दे है ये हल हो जाते है, तो फिर आने वाले वर्ष की शुरुआत तक भारत को शामिल करने की घोषणा हो सकती हैं।
50 प्रतिशत संभावना है इन परिस्थितियों में 68,500 तक पहुंचने की
जो मॉर्गन स्टैनली है उनके अनुसार, कुछ परिस्थितियों में वर्ष 2023 के आखिरी तक सेंसेक्स के 68,500 का स्तर को छूने की 50 प्रतिशत उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज फर्म की तरफ से कहा गया हैं कि अगर जो रूस और यूक्रेन युद्ध है उसका प्रभाव वर्ष 2023 में नहीं पड़ता है। अमेरिका में मंदी नही आती है और सरकार की तरफ से जो नीतिगत समर्थन है। वो मिलता रहा और जो आरबीआई है। उनकी तरफ से ब्याज की दरें है उसमें इजाफा नहीं किया गया। तो फिर ऐसा होना संभव हो सकता हैं।
सेंसेक्स इन परिस्थितियों में 52,000 तक पहुंच सकता है
जो बियर मार्केट परिस्थिति है उसके लिए भी ब्रोकरेज फर्म ने लक्ष्य दिया है। फर्म के अनुसार, कमोडिटी की कीमतों में उछाल आई, आरबीआई ने ब्याज की दरें है। उसमें तेजी से बढ़ाई है। अमेरिका यूरोप में मंदी की वजह से देश की ग्रोथ में असर पड़ा तो सेंसेक्स है। वो 52,000 तक गिर सकता है। मगर इसकी जो उम्मीद है। सिर्फ 20 प्रतिशत ही हैं।