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Moodys : भारत के लिए बुरी खबर, अगले साल रहेगी सुस्त विकास दर

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Moody's Prediction indian Economy : मूडीज एनालिटिक्स ने आगामी वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यस्था को लेकर कहा है कि APAC region में मंदी की संभावना नहीं है, लेकिन उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक व्यापार ग्रोथ के बन रही विपरीत परिस्थितियों के कारण इकोनॉमिक ग्रोथ में कमी रह सकती है। मूडीज ने 'एपीएसी आउटलुक ए कमिंग डाउनशिफ्ट' नाम के सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि भारत अपनी लॉन्ग टर्म क्षमता के अनुरूप अगले साल धीमी ग्रोथ रेट की ओर बढ़ रहा है।

Moodys : भारत के लिए बुरी खबर, अगले साल रहेगी सुस्त विकास दर

आंतरिक गतिविधियां देंगी गति

मूडिज के रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक निवेश और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ कृषि में बेहतर उत्पाद और लाभ ग्रोथ रेट को गति दे सकते हैं। लेकिन यदि उच्च मुद्रास्फीति बनी रहती है तो भारतीय रिजर्व बैंक अपनी रेपो दर को 6 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ाएगा। अगर रेपो दरो में बढ़ोत्तरी होती है तो इससे जीडीपी की ग्रोथ रेट (GDP Growth) लड़खड़ा जाएगी।

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मूडिज ने घटाई थी भारत की विकास दर

अगस्त महीने में मूडीज ने वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की विकास दर को 8 प्रतिशत तक अनुमान लगाया था। मूडिज ने वित्त वर्ष 2023 के विकास दर को 5 प्रतिशत तक डॉउन होने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2021 के लिए ग्रोथ अनुमान दर 8.1 प्रतिशत थी।

वैश्विक कारक की वजर से घट रही है ग्रोथ

रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है। अर्थव्यस्था ग्रोथ के लिए व्यापार पर निर्भर यह क्षेत्र धीमे वैश्विक व्यापार के प्रभावों को महसूस कर रहा है। युक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष के कारण सप्लाई चेन बाधित हुई है।

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चीन की अर्थव्यस्था हो रही है धीमी

चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रही उथल पुथल के लिए एकमात्र कमजोर कड़ी नहीं है। एशिया के दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था भारत को भी अक्टूबर से ही साालाना आधार पर व्यापार घाटे का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय अर्थव्स्था की विकास दर निर्यात से ज्यादा घरेलू कंजप्शन और आयात पर निर्भर करती है। एसीया क्षेत्र को लेकर मूडीज का कहना है कि कि भले ही भारत साथ ही एशिया पैसेफिक क्षेत्र की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं महामारी से के बाद से विस्तार कर रही हैं, लेकिन चीन की सुस्त अर्थव्यवस्था इस क्षेत्र की विकास दर को प्रभावित कर रही है।

मूडिज के मुताबिक आने वाले वर्ष में एपीएसी क्षेत्र में मंदी की उम्मीद नहीं है, हालांकि क्षेत्र को उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक व्यापार वृद्धि से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।

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English summary

Moody Bad news for India slow growth rate will remain next year

According to Moody's report, better products and profits in agriculture along with inward investment and technology can accelerate the growth rate.
Story first published: Thursday, November 24, 2022, 17:23 [IST]
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