China की बैंकों में जमा है पैसा, तो निकालना हुआ कठिन
नई दिल्ली, जुलाई 29। चीन में कई स्थानीय बैंकों ने पैसों की निकासी को एकदम रोक दिया है। बैंको के पास पैसो की कमी है इसलिए गंभीर नकदी संकट से बचने के लिए बैंक यह कदम उठा रहे हैं। बैंकों के इस कदम के बाद लोग अपना पैसा निकाल नहीं पा रहे हैं। दरअसल, चीन के तमाम बैंक बुरे दौर से गुजर रहे हैं। बीते कुछ सालों से चीन में आर्थिक परिस्थितियां ठीक नहीं हैं, जिनके चलते इन बैकों की हालत खराब हो गई है। चीन की इकोनॉमी को पहले कोविड-19 महामारी और फिर रियल एस्टेट की मंदी ने काफी नुकसान पहुंचाया है।
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4 लाख से अधिक ग्राहक प्रभावित
बीजिंग में अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों के कुछ गिरोह ने धोखाधड़ी से लोन लेकर इन बैंको का पैसा लूट लिया है। महामारी के बाद खड़े हुए संकट के बाद इन बैंकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। एक अधिकरिक रिपोर्ट के अनुसार कुछ बैंको ने निकासी को फ्रीज कर दिया है जिससे लगभग 4 लाख ग्राहक प्रभावित हुए हैं। हालांकि, सरकार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ग्राहको को छोटी रकम निकालने की अनुमति दी है। रिपोर्ट में बतााय गया है कि इन सभी बैंको में लोगों का लगभग 6 अरब डॉलर रुपया जमा है।
समस्या जटील होती जा रही है
चीन में रियल एस्टेट और इससे जुड़े व्यापरा 17.5 ट्रिलियन डॉलर की चीनी जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा हैं। चीन के लगभग सभी मध्यम वर्ग के लोगों के लिए रियल एस्टेट में निवेश करना एक प्रमुख साधन है। चीन की बैंकों से कुल कर्ज का एक तिहाई हिस्सा रियल एस्टेट से ही जुड़ा हुआ है। यही कारण है रिटल एस्टेट में सुस्ती चीन की अर्थव्यवस्था को झटका दे रही है। चिन में लोग रियल एस्टेट की खरीदारी कम कर रहें है क्योंकि लोगों के पास पैसे की कमी आई है।
एडीबी ने घटाया है चिन का ग्रोथ अनुमान
बिगड़ती परिस्थितियों के मध्य एशियन डेवलपमेंट बैंक ने चीन विकास पूर्वानुमान में कटौती की है। एडीबी के मुताबिक, चाइना की अर्थव्यवस्था के अब 2022 में 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। एडीबी ने पहले 5.1 प्रतिशत का अनुमान बताया था। रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में चीन ने सालाना आधार पर केवल 0.4% की बढ़ोत्तरी दर्ज की है यह दर महामारी शुरू होने के बाद से सबसे कम है। अमेरिका में बढ़ती महंगाई और डॉलर के मुकाबले चीन की करेंसी युआन के कमजोर होने से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।