China को मोदी सरकार देगी बड़ा झटका, सस्ते मोबाइल बाजार से करेगी बाहर
नई दिल्ली, अगस्त 08। भारत अपने लड़खड़ाते घरेलू मोबाइल फोन उद्योग को एक जरुरी किक स्टार्ट देने के लिए चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को भारत में 12,000 रुपये से कम कीमत के मोबाइल फोन बेचने से प्रतिबंधित करना चाहता है। सरकार की इस मंशा के बाद शाओमी कॉर्पोरेशन सहित सभी चाईनीज ब्रांडों को भारी झटका लगा है।
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चीन की कंपनिया टारगेट पर
मामले के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम का उद्देश्य दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल बाजार ( भारत) में सस्ते फोन के मार्केट से चीन की स्मार्टफोन कंपनियों को बाहर निकालना है। सरकार अगर ऐसा फैसला जल्द लेती है तो रियलमी और ट्रांससियन जैसे बड़े चाइनीज ब्रांडों की चितांए बढ़ेंगी।
चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों को होगा नुकसान
भारत के सस्ते स्मार्टफोन मार्केट में फोन उतारने के प्रतिबंध से शाओमी सहीत सभी चाईनीज कंपनियों को नुकसान होगा। चाइनिज कंपनियों को विश्वास था कि कोविड के कारण चिन के मार्केट में सुस्ती की भरपाई वो भारतीय बाजार में आ रही तेजी से करेंगे। 12 हजार से कम के स्मार्टफोन भारत के फोन मार्केट में एक तिहाई की हिस्सेदारी रखते हैं। अगर बात जून तिमाही की करें तो 12 हजार की किमत से कम फोन की बिक्री में चीन की कंपनियों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत रही है।
चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों को होगा नुकसान
भारत के सस्ते स्मार्टफोन मार्केट में फोन उतारने के प्रतिबंध से शाओमी सहीत सभी चाईनीज कंपनियों को नुकसान होगा। चाइनिज कंपनियों को विश्वास था कि कोविड के कारण चिन के मार्केट में सुस्ती की भरपाई वो भारतीय बाजार में आ रही तेजी से करेंगे। 12 हजार से कम के स्मार्टफोन भारत के फोन मार्केट में एक तिहाई की हिस्सेदारी रखते हैं। अगर बात जून तिमाही की करें तो 12 हजार की किमत से कम फोन की बिक्री में चीन की कंपनियों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत रही है।
खबर के बाद चीनी कंपनियों के शेयरों में गिरावट
सोमवार को हॉन्ग कॉन्ग में कारोबार के आखिरी मिनटों में शाओमी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। कंपनी का शेयर 3.6% निचे गिर गया। इस वर्ष शाओमी के शेयरो में 35% से अधिक तक की गिरावट हुई है। भारत सरकार के हाल के रवैये ने चीन के स्मार्टफोन कंपनियों को भारत में बाजार खोने का डर सता रहा है। नई दिल्ली ने पहले ही देश में काम कर रही चीनी फर्मों जैसे कि Xiaomi ओप्पो और वीवो पर जांच बढ़ा दिया है। इन कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं।