नोटबंदी के बाद फिर मोदी सरकार एक्शन में, 10,000 ज्वैलर्स आए लपेटे में
नई दिल्ली। नोटबंदी के 3 साल पूरे होते ही मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। नियम के अनुसार नोटबंदी के दौरान जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए थे, उनके पास 31 दिसंबर 2019 तक अपना जबाव दाखिल करने का मौका था। जिन लोगों ने अपने जबाव दे दिए हैं, उनके जबाव और नोटबंदी के दौरान जमा किए गए रुपये का मिला किया जाएगा। अगर यह सही पाया गया तो ठीक, नहीं तो टैक्स वसूली होगी। सूत्रों के अनुसार देशभर में ऐसे हजारों नोटिस इनकम टैक्स विभाग ने जारी कर दिए हैं। इनकम टैक्स विभाग के ऐसे ही नाटिस देशभर में करीब 10,000 ज्वैलरों को भेजे गए हैं। जानकारी के अनुसार ऐसे ज्वैलर्स के साथ कारोबार रिस्की हो जाएगा।
कब हुई थी देश में नोटबंदी
देश में 8 नबंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी। उस समय मोदी सरकार ने देश में प्रचलन में सभी 500 रुपये के नोट और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। इनकी जगह पर मोदी सरकार ने 500 रुपये का नया नोट और 2000 रुपये का नोट जारी किया था। उस समय सरकार ने सभी देशवासियों को मौका दिया था कि वह अपने बैन किए जा चुके 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को बैंक में जमा करके नए नोट ले सकता है। लोगों ने इसी दौरान अपने बैंक खातों और जानने वालों के बैंक खातें में बहुत ज्यादा कैश जमा किया था। बाद में सरकार ने ऐसे लोगों को नोटिस जारी किया था। ऐसे लोगों के पास 31 दिसंबर 2019 तक अपना जबाव देने का मौका था। जैसे ही यह तारीख बीती है, मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। अब सरकार नोटिस देने वालों के आईटीआर का मिलान उनके नोटबंदी के दौरान जमा पैसों से करके टैक्स डिमांड कर रही है।
ज्वैलरों से कितना मांगा जा रहा है टैक्स
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अध्यक्ष सुरेन्द्र मेहता के अनुसार देश भर में करीब 3 लाख ज्वैलर्स हैं। इनमें से करीब 10,000 ज्वैलर्स को इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के दौरान के ट्रांजेक्शन से जुड़े नोटिस जारी किए गए हैं। इनके अनुसार इन 10,000 नोटिसों में करीब 18,000 करोड़ रुपये से लेकर 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा गया है। ऐसे ज्वैलर्स को 31 दिसंबर 2019 तक अपना एसेसमेंट फाइल करना था। उनके अनुसार उन्होंने सभी ज्वैलर्स को सलाह दी थी कि वह समय से और अच्छे सीए की मदद से अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें। हालांकि इनमें से करीब 10,000 ज्वैलर्स अपना एसेसमेंट समय से फाइल नहीं कर पाए हैं। अब ऐसे ज्वैलर्स की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
आईबीजेए ने जारी की चेतावनी
आईबीजेए के अनुसार ऐसे ज्वैलर्स पर इनकम टैक्स विभाग अब टैक्स वसूली के लिए सख्ती कर सकता है। इसमें इनके बैंक अकाउंट जब्त करने के अलावा इनके परिसरों पर रखे जेवर को जब्त करना तक शामिल है। ऐसे में जो लोग इन ज्वैलर्स के साथ कारोबार करते हैं, उनको सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि अगर इनकम टैक्स विभाग ने कार्रवाई की तो लोगों का पैसा या गोल्ड फंस सकता है।
क्या बचा है कोई रास्ता
सीए कैलाश गोदुका के अनुसार ऐसे ज्वैलर्स के पास पहला और आसान रास्ता टैक्स का भुगतान करना है। दूसरा रास्ता जब इनकम टैक्स विभाग कार्रवाई करें तो उसके खिलाफ कोर्ट में जा सकते हैं। इसमें उनको कोर्ट में आने वाले खर्च के अलावा प्रतिष्ठा पर भी आंच आती है। और अगर बाद में कोर्ट में इनकम टैक्स विभाग के खिलाफ केस हार गए तो पैसा देना ही पड़ेगा। साथ ही इन ब्याज भी देना होता है।
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