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58 साल पुरानी कंपनी को बेचने की तैयारी में मोदी सरकार, ये है प्लानिंग

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नई दिल्ली, अगस्त 30। मोदी सरकार कुछ सरकारी कंपनियों के निजीकरण में तेजी लाने के गंभीर प्रयास कर रही है। इसीलिए सरकार अगले कुछ महीनों में बीईएमएल और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) की बिक्री के लिए एक्सप्रेशंस ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) आमंत्रित कर सकती है। ईओआई का मतलब है जो खरीदार इन कंपनियों में हिस्सा खरीदना पसंद करेंगे, वे अपनी रुचि दिखा सकते हैं। इसके अलावा, दोनों फर्मों की भूमि और गैर-प्रमुख संपत्तियों का विभाजन अक्टूबर तक समाप्त होने की संभावना है। इस काम के रुकने के कारण भी विनिवेश योजनाओं में देरी हुई है।

इस कंपनी में सरकार बेचेगी पूरी हिस्सेदारी, जानिए किसकी आई बारीइस कंपनी में सरकार बेचेगी पूरी हिस्सेदारी, जानिए किसकी आई बारी

58 साल पुरानी कंपनी

58 साल पुरानी कंपनी

बीईएमएल 58 साल पुरानी कंपनी है। इसे 11 मई 1964 को भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के नाम से शुरू किया गया था। ये कंपनी रक्षा उत्पादन और आपूर्ति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत वजूद में आई थी। सरकार के विनिवेश लक्ष्य के मद्देनजर यहां ये बताना जरूरी है कि वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य का अनुमान रखा है।

2021-22 के लिए कितना था विनिवेश लक्ष्य

2021-22 के लिए कितना था विनिवेश लक्ष्य

2021-22 के लिए अनुमानित विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये का था। उसके मुकाबले इस बार ये लक्ष्य काफी कम है। 65000 करोड़ रु में से चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार विनिवेश के जरिए 24,544 करोड़ रुपये प्राप्त कर चुकी है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी के मुताबिक सरकार की तरफ से इन कंपनियों में हिस्सेदारी की बिकवाली मात्र स्ट्रैटेजिक विनिवेश नहीं है, बल्कि सरकार सेकेंडरी मार्केट में इसके जरिए वैल्यू अनलॉक करने की योजना पर भी काम कर रही है।

आईडीबीआई बैंक का भी लगेगा नंबर

आईडीबीआई बैंक का भी लगेगा नंबर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार उन सभी कंपनियों की वैल्यूएशन कर रही है, जिनकी बिक्री की जा सकती है। बताया जा रहा है कि बाजार की स्थितियों के आधार पर सरकार बिक्री पर निर्णय करेगी। इसी बीच आईडीबीआई बैंक के विनिवेश के लिए भी ईओआई जल्द ही मांगे जा सकते हैं। आईडीबीआई बैंक की बिक्री के लिए सरकार काफी समय से प्लान कर रही है।

एनएफएल और आरसीएफ

एनएफएल और आरसीएफ

केंद्र सरकार नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ) सहित अन्य कुछ कंपनियों के सेकेंडरी मार्केट ऑफर पर काम कर रही है। इस काम में तेजी लाने की भी योजना पर काम जारी है। सरकार का इरादा बीईएमएल में अपनी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी का विनिवेश करने का है। वहीं एससीआई की गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने (डीमर्जर) की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।

अक्टूबर के अंत तक डीमर्जर प्रक्रिया पूरी

अक्टूबर के अंत तक डीमर्जर प्रक्रिया पूरी

अधिकारियों के अनुसार एससीआई को अक्टूबर के मध्य तक डीमर्जर के लिए जरूरी मंजूरियां मिल सकती है। शिपिंग कॉरपोरेशन के मामले में समयसीमा रखी गयी है। वो यह है कि अक्टूबर के अंत तक डीमर्जर प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। फिर अलग होने वाली इकाई को साल के अंत तक लिस्ट कर दिया जाएगा। एक और अहम बात कि आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई भी इसी वर्ष के भीतर मांगे जाएंगे। केंद्र सरकार इसी वित्तीय वर्ष में आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इस पर काम काफी समय से चल रहा है।

English summary

Modi government preparing to sell 58 year old company this is the planning

The estimated disinvestment target for 2021-22 was Rs 1.75 lakh crore. This time the target is much less than that. Out of Rs.65000 crores, so far in the current financial year, the government has received Rs.24,544 crores through disinvestment.
Story first published: Tuesday, August 30, 2022, 17:52 [IST]
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