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क्रूड से निकलेगी कोरोना की काट, जानिए क्या होगा

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नई दिल्ली। कोनोरा वायरस यानी कोविड-19 के चलते बन रहे भयानक हालात से सरकार पूरी कोशिश से लड़ रही है। लेकिन इस दौरान पूरे देश में लॉकडाउन होने से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से थम सी गई हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल मदद कर सकता है। कई बड़े अर्थशास्त्रियों के अनुसार इस महामारी के कारण जिन लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, उन्हें कैश ट्रांसफर करना एक अहम कदम होगा। सरकार को इस बीमारी से लड़ने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं, लेकिन यह खर्च सरकार की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ देना, लेकिन ऐसे में ही कच्चा तेल बड़ी मदद कर उभरा है। आइये जानते हैं कि यह कच्चा तेल कैसे देश और देशवासियों को बचाने में मदद कर सकता है।

कच्चा तेल ऐसे करेगा मदद

कच्चा तेल ऐसे करेगा मदद

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रफेसर अरविंद पनगढ़िया के अनुसार कोरोना वायरस क्राइसिस के साथ ही कच्चे तेल के दाम में बड़ी गिरावट (पहली मार्च से अब तक 30 प्रतिशत से ज्यादा कमी) आ चुकी है। भारत कच्चा तेल का बड़ा आयातक है। ऑइल प्राइस में 10 डॉलर प्रति बैरल की कमी पर भारत को 15 अरब डॉलर का सीधा फायदा होता है। दाम 65 डॉलर के औसत स्तर से 30 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुके हैं। इससे भारत को करीब 50 अरब डॉलर की बचत होगी। 

सरकार को क्या करना चाहिए

सरकार को क्या करना चाहिए

पनगढ़िया के अनुसार अगर इसका आधा हिस्सा भी एक्साइज टैक्स के जरिए सरकारी राजस्व में बदला जा सके तो सरकार के पास अतिरिक्त खर्च के लिए पैसे की व्यवस्था हो जाएगी। अगर ऐसा होता है तो सरकार 3.5 प्रतिशत के फिस्कल डेफिसिट टारगेट के दायरे के भीतर आराम से रह सकती है।

हालांकि आशंकाएं भी हैं

हालांकि आशंकाएं भी हैं

कुछ अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि राजस्व घाटा तय लक्ष्य के पार चला जाएगा। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट से हासिल फायदे से अर्थव्यवस्था की सुस्ती को थामने में मदद मिलेगी। कोरोना का प्रकोप ऐसे समय फैला है, जब अर्थव्यवस्था पहले से सुस्ती के दौर में है। सुस्ती के कारण राजस्व वृद्धि की सुस्त रफ्तार आर्थव्यवस्था को राहत देने के किसी भी उपाय की राह में बाधा बनेगी।

कोरोना से निपटने के काफी खर्च करना होगा

कोरोना से निपटने के काफी खर्च करना होगा

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष और आरबीआई के गवर्नर रहे सी रंगराजन के अनुसार कोरोना वायरस यानी कोविड-19 का असर नहीं होता तो भी मौजूदा साल में राजकोषीय घाटा बजट में दिए गए लक्ष्य से ज्यादा ही रहता। कोरोना वायरस से बचाव, जांच और हेल्थकेयर पर जो खर्च करना पड़ेगा, उसके कारण घाटा और बढ़ेगा। लिहाजा अतिरिक्त राहत उपाय की गुंजाइश सीमित है।

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English summary

Modi government may get extra money to fight the Coronavirus due to cheaper crude oil

Due to Coronavirus, the price of crude oil has come down in the international market, which will benefit India.
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