दूध का कारोबार : सालाना मुनाफा 1 करोड़ रु से ज्यादा, जानिए कहां और कैसे
नयी दिल्ली। हमारे सामने कारोबार के बहुत सारे ऑप्शन होते हैं, मगर अकसर हम उन पर ध्यान नहीं देते या कम मुनाफे वाला समझ कर छोड़ देते हैं। पर ऐसे बहुत से बिजनेस आइडिया हैं जो आपको लाखों रु का मुनाफा करवा सकते हैं। इन्हीं में एक है दूध का कारोबार। कोरोना संकट के दौरान रोजगार संकट नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले दोनों वर्गों के लोगों के सामने आया है। ऐसे में अगर आप कोई नई शुरुआत करना चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे दूध के कारोबार के बारे में। दूसरे ये भी बताएंगे कि कैसे दूध के कारोबार से एक महिला साल में 1 करोड़ रु से ज्यादा की इनकम कर रही है।
ये महिला कमा रही सालाना 1 करोड़ रु से ज्यादा
ये कहानी है बनासकांठा जिला (गुजरात) की वडगाम तहसील के नगाणा गांव की एक महिला की। ये महिला दूध के कारोबार से हर महीने 9 लाख रु की इनकम हासिल कर रही है। यानी साल में 1.08 करोड़ रु। इस महिला का नाम है नवलबेन चौधरी। सबसे बड़ी बात ये है कि नवलबेन ने मैनेजमेंट या बिजनेस की कोई पढ़ाई नहीं की है। बल्कि वे अपनी समझ और समय के साथ हासिल किए तजुर्बे से रोज 750 लीटर बेचती हैं। उनके पास दूध देने वाले 195 पशु हैं, जो उनके बिजनेस की रीढ़ हैं।
भारी संख्या में हैं गाय और भैंस
नवलबेन के पास पशुओं की जो तादाद है उनमें 150 भैंस और 45 गाय हैं। अपने प्रोफिट के साथ-साथ नवलबेन ने 10 लोगों को रोजगार भी दे रखा है। उन्हें वे हर महीने 10-10 हजार रु सैलेरी देती हैं। खास बात ये है कि नवलबेन की चर्चा पूरे राज्य में दूर-दूर तक है। अब उन्हें देख कर और भी महिलाएं इसी कारोबार में हाथ आजमा रही हैं। नवलबेन अब इस बिजनेस में अकेली नहीं रहीं। बल्कि उनके 4 बेटे भी उनका हाथ बंटाते हैं। उनके बेटे शिक्षित हैं, मगर बावजूद इसके वे अपनी मां के साथ बिजनेस में लगे हुए हैं। अब ये उनका पारिवारिक कारोबार बन गया है।
1 साल में कितने दूध का कारोबार
नवलबेन रोजाना 750 लीटर दूध सप्लाई करती हैं। यानी वे 1 साल में करीब 2.21 लाख टन दूध का कारोबार करती हैं। एक लोटल पोर्टल के मुताबिक नवलबेन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के अंतर्गत बनासकांठा जिले में चलने वाली बनास डेयरी को दूध बेचती हैं। इस डेयरी की तरफ से उन्हें दूध बिजनेस से कमाई के मामले में पहल स्थान मिला है।
कैसे हुई कारोबार की शुरुआत
नवलबेन की रोज की कमाई 30,000 रु है, जो 1 साल में 1.08 करोड़ रु बनती है। इस भारी इनकम के बावजूद नवलबेन के अनुसार वे आत्मनिर्भर भारत में योगदान दे रही हैं। गौरतलब है कि उन्होंने अपने इस कारोबार की शुरुआत 15-20 पशुओं से थी। ये पशु उनके अपने नहीं बल्कि उनके ससुराल के थे। मगर नवलबेन ने अपनी मेहनत और समझ से कारोबार को बढ़ाया। अब ये कारोबार उनके परिवार की पहचान बन गया है। अब वहां और भी महिलाएं इस कारोबार से जुड़ रही हैं।
आप कैसें करें ये कारोबार
अगर आप दूध का कारोबार करना चाहते हैं तो बता दें कि सरकार पशु किसान क्रेडिट कार्ड देती है। इस कार्ड के जरिए आपको पशु खरीदने के लिए लोन मिलेगा। लोन पर आपको काफी कम ब्याज देना होगा, क्योंकि सरकार इस कार्ड से लिए गए लोन पर ब्याज सब्सिडी देती है। कार्ड पर ब्याज दर 7 फीसदी है, मगर इसमें 3 फीसदी ब्याज पर सब्सिडी मिलती है। इसलिए आपको सिर्फ 4 फीसदी ब्याज देना होगा।
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