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MBA की डिग्री हासिल कर उगा रहीं मशरूम, सालाना कमाई 25 लाख रु

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नई दिल्ली, मई 24। एमबीए की डिग्री हासिल करके लोग अपना कैरियर सेट करते हैं। एमबीए के बाद आराम से किसी भी मल्टी-नेशनल कंपनी में जॉब मिल सकती है। मगर हर कोई एक जैसी सोच नहीं रखता। कुछ लोग एमबीए जैसी ऊंची शिक्षा हासिल करने के बाद भी कुछ हट कर काम करना पसंद करते हैं। जैसे कि 38 वर्षीय जयंती प्रधान मशरूम उगाती हैं और सालाना लाखों रु कमाती हैं। उन्होंने इतनी कामयाबी हासिल की है, करीब 40 लोगों को उन्होंने नौकरी पर रखा हुआ है। जानते हैं कि जयंती की पूरी कहानी।

 

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मिल रहे थे जॉब के ऑफर

मिल रहे थे जॉब के ऑफर

जयंती ने एमबीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्हें लाखों रु के जॉब के ऑफर आने लगे। मगर उनका इरादा कुछ और था। वे कुछ अलग करना चाहती थीं। इसीलिए उन्होंने खेती करने की सोची। और खेती भी ऐसी चीज की, जिसे आम तौर पर किसान नहीं उगाते। जयंती ने मशरूम उगाना शुरू किया। वे वर्मी कम्पोस्ट भी तैयार करती हैं। आज जयंती के खेत गोपाल बायोटेक एग्रो फार्म नाम से मशहूर हैं।

कहां से ली ट्रेनिंग
 

कहां से ली ट्रेनिंग

कहा जाता है कि जहां चाह वहां राह। जयंती ने 18 साल पहले 2003 में नौकरी न चुन कर खेती करने के सोचा। मगर वे धान जैसी सामान्य चीज के बजाय मशरूम उगाना चाहती थीं। पर ये इतना आसान नहीं था। क्योंकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र से जयंती को काफी मदद मिली। यहीं से उन्हें मशरूम की खेती की ट्रेनिंग भी मिली। वनइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अब जयंती मशरूम की खेती में काफी महारथ हासिल कर चुकी हैं।

खास तरह के मशरूम

खास तरह के मशरूम

ओडिशा की रहने वाली जयंती जिस जिले से ताल्लुक रखती हैं वहां धान की खेती काफी अधिक होती है। धान की खेती के चलते उनके जिले में पराली की कोई कमी नहीं है। उत्तर भारत में जहां पराली एक मुसीबत है, वहीं जयंती इसी को मशरूम उगाने में इस्तेमाल करती हैं। पराली के बेड तैयार करके उनमें मशरूम उगाए जाते हैं। इन्हें तीन नामों, पैरा मशरूम, पैडी स्ट्रॉ या चायनीज़ मशरूम, से जाना जाता है। मशरूम से सब्जी, आचार और पापड़ सहित कई प्रोडक्ट तैयार होते हैं।

सालाना कमाई 25 लाख रु

सालाना कमाई 25 लाख रु

आज के समय में जयंती की सालाना कमाई 25 लाख रु है। अपने इस सफर में जयंती को पति का भी खूब सपोर्ट मिला। उनके पति बीरेंद्र प्रधान ने पत्नी की मदद के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी। बल्कि उनकी पत्नी ही खेती में उनके आगे बढ़ने की प्रेरणा बनी और उन्होंने उनके साथ ही मशरूम की खेती का विस्तार करने का फैसला लिया।

दूसरी महिलाओं को दी ट्रेनिंग

दूसरी महिलाओं को दी ट्रेनिंग

जयंती के अनुसार उन्होंने किसानों और महिलाओं को मशरूम की खेती की ट्रेनिंग दी। वे खाद्य उत्पाद बनाने और पशुपालन की भी ट्रेनिंग देती हैं। कई जिलों के लोग उनके पास ट्रेनिंग के लिए आते हैं। वे अब तक 10 हजार लोगों को ट्रेनिंग दे चुकी हैं। इनमें पांच हजार लोग मशरूम या अन्य कामों में लगे हुए हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।

English summary

MBA degree holder growing Mushrooms earning Rs 25 lakh per annum

Jayanti earned an MBA degree. After this, he started getting job offers worth lakhs of rupees. But his intention was something else. She wanted to do something different. That is why they thought of farming.
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