1 अक्टूबर से होने जा रहे हैं कई बड़े बदलाव, संभाल कर रखनी होगी आपको जेब
नई दिल्ली, सितंबर 24। त्योहारी सीजन शुरू होने जा रहा है। उससे पहले ही सितंबर का महीना का खत्म होने जा रहा है। 1 हफ्ते में नया अक्टूबर का महीना शुरू हो जाएगा। नये महीने के साथ ही एक बार फिर से कई नये बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इनमें बैंक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और एलपीजी के दामों में बदलाव शामिल हैं। आपके लिए इन नियमों और बदलावों के बारे में जानना जरूरी है। इनका सीधा असर आपकी जेब पर या आपके खर्च करने के तरीके पर पड़ सकता है। तो फिर जानते हैं इन बड़े बदलावों के बारे में, जो 1 अक्टूबर से लागू होंगे।
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क्रेडिट और डेबिट कार्ड
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए किए गए सभी ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल और इन-ऐप लेनदेन को 30 सितंबर 2022 तक यूनीक टोकन से बदल दिये जाने को अनिवार्य कर दिया है। टोकनाइजेशन का मतलब है "टोकन" नामक एक वैकल्पिक कोड से एक्चुअल कार्ड डिटेल को बदलना, जो कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता (यानी वह इकाई जो कार्ड के टोकन के लिए ग्राहक से अनुरोध स्वीकार करती है और इसे कार्ड पर भेजती है नेटवर्क से संबंधित टोकन जारी करने के लिए) और डिवाइस ("आइडेंटिफाइड डिवाइस") के कॉम्बिनेशन के लिए यूनीक होगा। फिर मर्चेंट ग्राहकों के कार्ड नंबर, सीवीवी और समाप्ति तिथि, और किसी भी अन्य संवेदनशील कार्ड जानकारी को स्टोर नहीं कर सकेंगे।
अटल पेंशन योजना
1 अक्टूबर से कोई भी ऐसा नागरिक जो आयकरदाता है या रहा है, वह इस पेंशन योजना में शामिल होने के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। इस मामले में वित्त मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना जारी कर दी गयी है। यदि कोई आयकर भुगतान करने वाला निवेशक 1 अक्टूबर या उसके बाद एपीवाई योजना में शामिल होना चाहता है, तो उसे उसके लिए पात्र नहीं माना जाएगा और उसे खाता बंद करना होगा।
डीमैट खाते का नियम
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने जून में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि डीमैट अकाउंटहोल्डरों को 30 सितंबर तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करना है। ऐसा न किया तो डीमैट अकाउंट में लॉग-इन नहीं होगा। इसका एक दूसरा तरीका भी है। ये है नॉलेज फैक्टर। यह पासवर्ड, पिन या कोई पॉजीशन फैक्टर हो सकता है, जिसकी जानकारी सिर्फ यूजर को हो।
गैस सिलेंडर के दाम
हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर के दामों की समीक्षा होती है। इनमें बढ़ोतरी और कटौती हो सकती है। साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि कीमतों में कोई बदलाव न किया जाए यानी यथास्थिति बरकरार रखी जाए।
पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दरें
हर तिमाही की शुरुआत में पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दरें बदलती हैं। अब अक्टूबर से नयी तिमाही शुरू होगी। ऐसे में पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दरें बदल सकती हैं। इनमें बढ़ोतरी या कटौती संभव है। ऐसा भी हो सकता है कि दरें न बदलें। अभी पीपीएफ पर 7.10 फीसदी, एनएससी पर 6.8 फीसदी और मासिक आय योजना खाते पर 6.6 फीसदी ब्याज दर है। वहीं 5 वर्षीय नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट : 6.8 फीसदी, किसान विकास पत्र : 6.9 फीसदी (124 महीनों में मैच्योर) और सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 फीसदी दर है।