मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मलविंदर सिंह, सुनील गोधवानी गिरफ्तार
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जांच के सिलसिले में रेलिगेयर हेल्थ एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और सुनील गोधवानी को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ईडी के एक प्रवक्ता ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सिंह और गोधवानी को दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
ईडी ने मामला दर्ज किया
वहीं दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू द्वारा दायर केस के आधार पर ईडी ने भी मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारी ने कहा कि दोनों को महानगर दंडाधिकारी के समक्ष जेल में ही पेश किया जाएगा और उनसे पूछताछ के लिए ईडी हिरासत की मांग करेगी। गोधवानी और सिंह के अलावा ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने आरोपी के भाई शिविंदर, कवि अरोरा और सुनील सक्सेना को भी गिरफ्तार किया था।
हजारों करोड़ रुपये का नुकसान कराने का आरोप
उन पर आरोप है कि उन्होंने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को 2,397 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि रेलिगेयर पर पूरा नियंत्रण रखने वाले आरोपियों ने अपने ऋणों के निपटान के माध्यम से फर्म को आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में डाला।
शिविंदर-मलविंदर हाईकोर्ट में भी केस हार चुके
दाइची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में कहा कि मलविंदर-शिविंदर ने रैनबैक्सी के बारे में रेग्युलेटरी खामियों जैसी अहम जानकारियां छिपाईं। इस दलील के साथ उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी। ट्रिब्यूनल ने 2016 में दाइची के पक्ष में फैसला देते हुए मलविंदर-शिविंदर को भुगतान के आदेश दिए थे। सिंह भाइयों ने इसे भारत और सिंगापुर की अदालतों में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जनवरी 2018 में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड का फैसला बरकरार रखा था।
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