Mahindra : अमेरिकी नौकरी छोड़ कर केसी महिंद्रा ने की थी शुरुआत, अब है 1.66 लाख करोड़ रु की कंपनी
नई दिल्ली, सितंबर 17। किसी को भी सफलता एक दिन में नहीं मिलती हैं। सफलता पाने के लिए रात-दिन मेहनत करना पड़ता है। आज हम जिस कंपनी की सफलता की कहानी बताने जा रहे है। उस कंपनी को पूरी दुनिया में बेहद पसंद किया जाता हैं। हम जिस कंपनी के बारे में बात कर रहे है उसका नाम हैं महिंद्रा एंड मोहम्मद कंपनी। मगर अब इस कंपनी को पूरी दुनिया में महिंद्रा एंड महिंद्रा के नाम से पहचाना जाता है। चलिए जानते है इसकी सफलता की कहानी।
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परिवार की पूरी जिम्मेदारी जेसी महिंद्रा में आ गई
छोटी उम्र में ही जेसी और केसी के सिर से पिता का साया उठ गया था। वे कुल 9 भाई बहन थे। पिता के गुजर जाने के बाद जेसी अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। जेसी की आयु कम होने के बावजूद भी उन्होंने हौसला कम नहीं था। वो अपने साथ-साथ अपने भाई-बहनों के लिए भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पूरी प्रयास कर रहे थे। उन्होंने अपने छोटे भाई को पढ़ने के लिए कैम्ब्रिज भेजा।
शुरुआत की एमएंडएम कंपनी की
केसी महिंद्रा महिंद्रा की पढ़ाई जब पूरी हो गई तब केसी महिंद्रा में अमेरिका में नौकरी करी। वर्ष 1942 में उन्हें अमेरिका में इंडियन परचेजिंग मिशन का प्रमुख बनाया गया। उसके बाद वर्ष 1945 में केसी महिंद्रा भारत वापस लोट आए। उसके बाद उन्होंने अपने बड़े भाई जेसी महिंद्रा और दोस्त मलिक गुलाम मुहम्मद के साथ मिलकर वर्ष 1945 अपना नया बिजनेस महिंद्रा एंड मुहम्मद कंपनी की नींव रखी।
कंपनी भी बट गई देश के बंटवारे के साथ
शुरुआत में कंपनी स्टील कंपनी के तौर पर थी। फिर वर्ष 1947 के समय देश में बंटवारा के साथ महिंद्रा बंधुओं के सामने एक बहुत बड़ी समस्या सामने आ गई। धर्म के आधार पर देश को 2 हिस्सों में बांट दिया गया था। जिससे हिंदू-मुस्लिम दोस्त बंट गए थे। पाकिस्तान का जब गठन हुआ। मलिक गुलाम मुहम्मद ने पाकिस्तान जाने का फैसला लिया। साथ ही वे अब एमएंडएम कंपनी अलग भी होना चाहता था।
100 देशों में कारोबार
कंपनी से मलिक गुलाम मोहम्मद के अलग हो जाने के बाद महिंद्रा बंधुओं ने कंपनी का नाम भी बदलने का फैसला लिया और उन्होंने फिर इसका नाम महिंद्रा एंड मोहम्मद से बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा कर दिया गया। ये कंपनी एसयूवी, टू व्हीलर मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर आदि। बहुत सी वाहनों की निर्माता हैं। इस कंपनी का आज कारोबार की बात करें तो इसका कारोबार आज 100 देशों में फैला हुआ हैं। इस ग्रुप के पास करीब 150 कंपनियां हैं और 2.5 लाख से भी अधिक लोगों को इन्होंने रोजगार दिया हुआ हैं।