UAE में 3 और भारतीयों की बदली किस्मत, जीती 28 करोड़ रु की लॉटरी
नई दिल्ली, मई 4। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में बहुत से भारतीयों की किस्मत बदली है। भारत से गए बहुत से लोग यूएई के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं और हर साल बहुत सारा पैसा भारत भेजते हैं। पर काम के अलावा यूएई में एक और चीज ऐसी है, जिसने बहुत सारे भारतीयों की तकदीर मिनटों में बदली है। ये है लॉटरी। बहुत से भारतीय यूएई में लॉटरी में कई मोटे इनाम जीते हैं। इसी कड़ी में 3 और भारतीय ने वहां लॉटरी में करोड़ों रु के इनाम जीते हैं। आगे जानिए इन व्यक्तियों की कहानी।
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ईद के अगले दिन जीती रकम
यूएई के अजमान स्थित भारत प्रवासी मुजीब चिराथोडी, एक ट्रक चालक, अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं कर सके। उन्होंने अबू धाबी में ईद अल फितर के दूसरे दिन आयोजित बिग टिकट रैफल ड्रॉ सीरीज़ 239 में 1.2 करोड़ दिरहम जीते। ये रकम भारतीय मुद्रा में करीब 25 करोड़ रु होती है। चिराथोडी, जिन्होंने अपना भाग्यशाली टिकट 22 अप्रैल को खरीदा था, ने कहा कि पवित्र महीने के दौरान उनकी प्रार्थनाओं का जवाब दिया गया है।
कभी नहीं थी उम्मीद
मुजीब ने अपने जीवन में कभी करोड़पति बनने की उम्मीद नहीं की थी। वे केवल पेट भरने लायक कमा पाते थे। आर्थिक तंगी बहुत होती थी। उनके पास चुकाने के लिए कर्ज है। विदेशों में लंबे समय तक काम करने के बाद, उन्होंने केरल में अपना घर बनाने में कामयाबी हासिल की। पर उन्हें अपना होम लोन चुकाना है। मुजीब कहते हैं कि अब वे अपना सारा कर्ज चुका सकते हैं। वे चेन की सांस ले सकते हैं। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मुजीब के अनुसार मेरी रमजान की प्रार्थनाओं का उत्तर दिया गया है।
1996 में छोड़ा देश
मुजीब बताते हैं कि मेरी खाड़ी यात्रा 1996 में सऊदी अरब में नौकरी के साथ शुरू हुई थी। मैं 2006 में संयुक्त अरब अमीरात चला गया। मैं एक ट्रक चालक हूं। मैं दुबई में स्थित अपने पहले नियोक्ता वेड एडम्स कॉन्ट्रैक्टिंग का ऋणी हूं। बाद में, मैं अबू धाबी में एक अन्य फर्म में चला गया। वर्तमान में, मैं अल नाका ड्रिंकिंग वाटर में एक टैंकर चालक के रूप में काम कर रहा हूं, जो केरल में मेरे पैतृक स्थान के लोगों द्वारा संचालित एक कंपनी है। मैं एक सादा जीवन जीता हूं और इसी तरह आगे भी रहूंगा।
केरल से रखते हैं ताल्लुक
49 वर्षीय केरल के मलप्पुरम जिले के मेलत्तूर शहर की रहने वाले हैं। उनके पिता का देहांत हो गया। उनका माँ, चार बहनें, एक पत्नी और चार बच्चे हैं। मुजीब की 2 लड़कियां और 2 लड़के हैं। वे करीब 2 साल से टिकट खरीद रहे हैं और अब जाकर उनकी किस्मत पलटी है। वे 10 लोगों का समूह हैं। इनमें ज्यादातर केरल के भारतीय हैं, 1 या 2 पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी हैं।
दो और भारतीयों ने जीते इनाम
दुबई निवासी विश्वनाथन बालासुब्रमण्यम ने 1 मिलियन दिरहम (2.07 करोड़ रु) का दूसरा पुरस्कार जीता। उन्होंने 26 अप्रैल को विजयी टिकट नंबर 072051 खरीदा। रास अल खैमाह में स्थित जयप्रकाश नायर ने 100,000 दिरहम (20.77 लाख रु) का तीसरा पुरस्कार जीता। उन्होंने 21 अप्रैल को अपना टिकट नंबर 077562 खरीदा था। इन तीनों भारतीयों ने मिला कर करीब 28 करोड़ रु जीते हैं।