लॉटरी : भारतीय टैक्सी ड्राइवर की चमक गयी किस्मत, जीता 40 करोड़ रु का इनाम
नई दिल्ली, जुलाई 5। किस्मत कब पलट जाए कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ हुआ है केरल के रंजीत सोमराजन के साथ, जो अबू धाबी (यूएई) में टैक्सी चलाते हैं। मगर अब उनकी करोड़ों रु की लॉटरी लग गयी है। बता दें कि रंजीत उन भारतीय लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिनकी यूएई में पहले ही लॉटरी के जरिए करोड़ों रु जीते हैं। उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर लॉटरी खरीदी थी, जिसमें 2 करोड़ दिरहम यानी करीब 40 करोड़ रु का इनाम लगा।
लॉटरी ने बनाया अमीर : पहले सपने में और फिर हकीकत में जीता लाखों का इनाम
तीन साल से खरीद रहे थे टिकट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएई में रहने वाले रंजीत सोमराजन और उनके साथियों को 40 करोड़ रुपये (दिरहम 20 करोड़) का जैकपॉट लगा है। रंजीत सोमराजन पिछले तीन साल से लॉटरी का टिकट खरीद रहे थे। बता दें कि वह एक मस्जिद के सामने थे, जब उन्हें जैकपॉट जीतने की खबर मिली। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार रंजीत के मुताबिक जब दूसरे और तीसरे पुरस्कार की घोषणा हो रही थी तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं जैकपॉट हासिल करूंगा। वे दूसरे और तीसरे इनाम से ही आस लगाए हुए थे।
जब रंजीत का टिकट नंबर हुआ अनाउंस
इस बार दूसरा और तीसरा पुरस्कार 30 लाख दिरहम और 10 लाख दिरहम थे। वे गाड़ी में सफर कर रहे थे कि रंजीत ने एक मस्जिद देखी। दूसरे और तीसरे नबंर पर अपना नाम सुनने पर उन्हें लगा कि वे फिर से चूक गए। लेकिन इसके बाद पहले इनाम के लिए रंजीत के टिकट नंबर को अनाउंस किया गया। उनका आठ साल का बेटा, जो लाइव इवेंट को फॉलो कर रहा था, खुशी से चिल्लाया।
मुश्किल था जीवन
रंजीत के फोन पर अब मित्रों और प्रियजनों के बधाई कॉल आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका जीवन कठिन रहा है। वे 2008 से अबू धाबी में हैं। वे दुबई टैक्सी और विभिन्न कंपनियों के साथ ड्राइवर के रूप में काम कर चुके हैं। पिछले साल उन्होंने एक कंपनी के साथ ड्राइवर-कम-सेल्समैन के रूप में काम किया, लेकिन उनके वेतन में कटौती हुई। अब उन्हें एक नई कंपनी में ड्राइवर-कम-पीआरओ के रूप में नौकरी मिल गई है। उनकी सैलेरी 3,500 दिरहम होगी। जीते हुए पैसों पर वे अपने परिवार से सलाह लेकर कोई फैसला करेंगे।
साथियों के साथ बांटेंगे पैसा
रंजीत नौ अन्य लोगों के साथ इस राशि को साझा करेंगे। उनके मुताबिक हम कुल 10 लोग हैं। अन्य लोग भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे विभिन्न देशों से हैं। वे एक होटल की वैलेट पार्किंग में काम करते हैं। उन्होंने 'बाय टू एंड गेट वन फ्री' ऑफर के तहत टिकट खरीदा था। प्रत्येक व्यक्ति ने 100-100 दिरहम दिए थे। टिकट रंजीत के नाम पर 29 जून को लिया गया था।
मां को बोला झूठ
अपनी मां को यह समझाने के लिए कि वह वास्तव में करोड़पति बन गए हैं उनके लिए एक मुश्किल काम है। दरअसल वे हमेशा उन्हें फोन करके कहते थे कि वे लाखों रु जीत गए हैं और वह उन पर विश्वास कर लेती। लेकिन अब जब वे वास्तव में अमीर हो गए हैं तो उन्हें रंजीत की बात पर यकीन नहीं हो रहा।