Lockdown : सरकारी मंजूरी के बावजूद ई-कॉमर्स कंपनियों को आ रही दिक्कत
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन जारी है, जिससे ई-कॉमर्स कंपनियों को फूड, ग्रोसरी और मेडिकल प्रोडक्ट की सप्लाई करने में दिक्कत आ रही है। हालांकि राज्य सरकारों ने इन कंपनियों को लॉकडाउन में छूट दी है। मगर इसके बावजूद इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिगबास्केट ने मंगलवार को अपने ऐप के माध्यम से ग्राहकों को सूचित किया कि हम केंद्रीय अधिकारियों की तरफ से मिले स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद सामानों की आवाजाही पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण हम सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। देश के सबसे बड़े ई-किराना ने गुरुग्राम और मुंबई में अगला आदेश आने तक ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। वहीं अन्य जगहों पर ये सामान्य के मुकाबले बहुत कम संचालन कर पा रही है। स्थानीय अधिकारी गोदामों को बंद कर रहे हैं और राज्य की सीमाओं को पार करने से ट्रकों को रोक रहे हैं।
अमेज़ॅन ने गैर-आवश्यक वस्तुएं हटाईं
ईकॉमर्स दिग्गज अमेज़न ने अपने भारत में सभी गैर-आवश्यक वस्तुओं को हटा दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पहले डिलिवर किया जा सके। कंपनी ने कुछ क्षेत्रों में ग्राहकों को डिलीवरी रद्द या देरी होने की भी चेतावनी दी है। अमेजन घरेलू स्टेपल, स्वास्थ्य और स्वच्छता उत्पाद, सैनिटाइज़र, बेबी फॉर्मूला और चिकित्सा प्रोडक्ट जैसे प्राथमिकता वाले उत्पादों को पहले वितरित करने के लिए अपने लॉजिस्टिक्स, परिवहन, आपूर्ति श्रृंखला, खरीद और विक्रेता प्रक्रियाओं में परिवर्तन करना जारी रखे हुए है।
ई-कॉमर्स कंपनियों के सामने चुनौतियां
ई-कॉमर्स कंपनियों के सामने कई चुनौतियां हैं। कंपनियों को मैनपावर की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वायरस के प्रकोप के बीच डिलीवरी कर्मियों ने काम करने से मना कर रही हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों की वर्किंग पावर क्षमता 75-80 फीसदी तक कम हुई है। राज्यों में कर्फ्यू जैसी स्थितिक के बीच शहरों में सभी व्यवसायों पर प्रतिबंध के रूप में लागू की जा रही है। 23 मार्च को पूरे भारत में ई-कॉमर्स डिलीवरी की संख्या में 40% की गिरावट आई जबकि रिटर्न टू ऑरिजिन या आरटीओ ऑर्डर में 330 फीसदी की भारी वृद्धि देखी गई।
स्नैपडील की डिलिवरी 40 फीसदी घटी
स्नैपडील के अनुसार इसने सोमवार को सामान्य ऑर्डर की तुलना में केवल 40 फीसदी डिलिवरी की। जबकि फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन ने देरी से सामान पहुंचाए। फ्लिपकार्ट ने स्थानीय अधिकारियों से स्पष्ट आदेश मिलने तक कोई भी ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। ऑफलाइन रिटेलर DMart ने भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार करना बंद कर दिया है। ज़ोमेटो ने कहा कि इसके डिलीवरी पार्टनर शहरों में भोजन पहुंचाने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, जबकि यह आवश्यक सेवा है। वहीं वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले रिटेलर अगले कुछ दिनों में पांच शहरों में अपने किराने की डिलीवरी के कारोबार को फिर से शुरू कर सकते हैं।
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