Loan Moratorium : नहीं भर पा रहे EMI, तो बैंक से मिल सकती है मोहलत, जानिए कैसे
Loan Moratorium : आज के समय में प्रॉपर्टी खरीदने, वाहन खरीदने समेत अन्य जरुरी कामों के लिए लोग लोन लेते हैं। लोन मिलने के बाद जैसे ही अकाउंट में पैसा मिलता है, वैसे ही लोन भरने के लिए ईएमाआई शुरु हो जाती है। कई बार ऐसा भी हो जाता है कि लोन की किस्त दे पाना मुश्किल हो जाता है। अगर ग्राहक किस्त नहीं भरता है तो उसे पेनाल्टी देनी पड़ती है। लेकिन ऐसी स्थिति में बैंक से लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) के माध्यम से किस्त चुकाने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगा जा सकता है। चलिए आपको बताते हैं की लोन मोरेटोरियम क्या होता है।
Loan Moratorium क्या होता है
लोन मोरेटोरियम की मदद से आपको लोन चुकाने के लिए थोड़ा समय मिल जाता है। इस सुविधा की मदद से लोन लेने वाले व्यक्ति को थोड़े समय के लिए किश्त नहीं चुकानी होती है। अगर ग्राहक किसी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है तो उसे काफी हद तक राहत मिल जाती है। सामान्य भाषा में कहें तो लोन की ईएमआई से आप कुछ महीने का ब्रेक ले सकते हैं।
मोराटोरियम से लोन में छूट नहीं मिलती है
मोरेटोरियम के माध्यम से आप लोन की किस्त को ही रोक सकते हैं। इससे ईएमआई की राशी माफ नही होती है। आपको लोन पर लगने वाले ब्याज में भी रियायत मिलती है। मोरेटोरियम के जिस पीरियड में आपको लोन की ईएमआई भरने से छूट मिली है। उस पिरियड में भी आपको लोन पर लगने वाला ब्याज देना होता है।
क्या है फायदा
लोग यह समझते हैं कि जब ब्याज देना ही है,तो आखिर लोन मोरेटोरियम का फायदा क्या पहूचाता है। चलिए आपको बताते हैं। अगर आप सामान्य तौर पर ईएमआई भरने से चूक जाते हैं, तो आपको ब्याज के साथ पेनाल्टी भी देनी पड़ती है। ईएमआई छोड़ने से सिबिल स्कोर भी खराब होता है। लेकिन लोन मोरेटोरियम के माध्यम से लोन की ईएमआई बैंक की तरफ से मिलती है। ऐसे में आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता है।