LIC को अडानी ग्रुप के शेयरों पर है भरोसा, बीते 2 सालों में कर दिया खेल
LIC Stake in Adani Group Stocks : देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा और सरकारी कंपनी एलआईसी ने सितंबर 2020 से अडानी समूह की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में अपनी हिस्सेदारी में जोरदार वृद्धि की है। अडानी समूह की सात कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी की कुल वैल्यू वर्तमान में 74,142 करोड़ रुपये है। अडानी समूह की फर्मों में देखें तो एलआईसी ने जिस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सबसे तेजी से बढ़ाई है, वो है अडानी टोटल गैस। इसमें कंपनी की हिस्सेदारी सितंबर 2020 में 1 फीसदी से कम थी, जो सितंबर 2022 में बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई। आगे जानते हैं बाकी कंपनियों का हाल।
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अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की हिस्सेदारी
इसी तरह ग्रुप की सबसे प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 फीसदी से कम थी, जो अब बढ़ कर 4.02 फीसदी हो गई। वहीं अडानी ट्रांसमिशन में इसकी हिस्सेदारी 2.42 फीसदी से बढ़ कर 3.46 फीसदी हो गई। इसी तरह अडानी ग्रीन एनर्जी में यह हिस्सेदारी 1 फीसदी से कम से बढ़ कर 1.15 फीसदी हो गई। अडानी समूह की जिन तीन फर्मों में एलआईसी की हिस्सेदारी में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई है, वे हैं अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर और अडानी विल्मर।
ये है जरूरी डिटेल
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा समूह के बाद अडानी समूह तीसरी सबसे बड़ी यूनिट है जिसमें एलआईसी ने निवेश किया है। पिछले दो वर्षों में अडानी समूह की कंपनियों के समान शेयरों में म्यूचुअल फंडों ने जितना निवेश किया है, उससे एलआईसी का निवेश इन्हीं कंपनियों में 4.9 गुना रहा है। एलआईसी अपने दम पर, अडानी समूह के पांच शेयरों में घरेलू संस्थागत निवेश (क्यूआईआई) का 81.7 फीसदी हिस्सा रखती है।
नहीं बता रही कारण
एक जानकार के अनुसार सरकारी बीमा कंपनी अडानी के शेयरों में अपने निवेश को बिना किसी स्पष्टीकरण के प्रमुखता से बढ़ा रही है। एलआईसी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपने निवेश को हर तिमाही में बिना किसी स्पष्टीकरण के बढ़ा रही है। वैसे एक बीमा कंपनी के रूप में, एलआईसी के इक्विटी निवेश को पॉलिसीधारकों के हित में पारदर्शी होना चाहिए।
इक्विटी शेयरों में निवेश
आपको बता दें कि सितंबर में एलआईसी ने 40.99 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ था। इनमें से 8.31 लाख करोड़ इक्विटी शेयरों में थे, जो इसके कुल निवेश का 20.3 फीसदी हिस्सा हैं। खास बात यह है कि एलआईसी ने 2021-22 में अपने इक्विटी निवेश से 42,000 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 37,000 करोड़ रुपये था।
अडानी ग्रुप की डिटेल
पिछले कुछ वर्षों में अडानी समूह कोयले और बंदरगाहों से हटकर अपने बिजनेस में डायवर्सिफिकेशन लाया है। इसने डिफेंस, अर्बन वॉटर मैनेजमेंट, स्मॉल एंड मीडियम सेक्टर को उधार देना, बिजली ट्रांसमिशन, हवाई अड्डों, डेटा सेंटर्स के साथ-साथ सीमेंट और ग्रीन एनर्जी क्षेत्रों में कदम रखे हैं। अंत में बताते चलें कि अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग की कुल वैल्यू 1 दिसंबर तक 74,142 करोड़ रुपये थी। यह अडानी समूह की कुल मार्केट वैल्यू 18.98 लाख करोड़ रुपये का 3.9 फीसदी है।