CAR लोन ऑफर का पहले जानें सच, फिर करें खरीदारी का फैसला
नयी दिल्ली। अप्रैल कार कंपनियों के लिए काफी बुरा महीना रहा। दुनिया भर में शोरूम और प्रोडक्शन बंद रहा, जिससे कार कंपनियों की सेल्स जीरो रही। अप्रैल में गाड़ियों का एक्सपोर्ट भी संभव नहीं था। मई में लॉकडाउन में ढील के चलते ऑटो कंपनियों की सेल्स थोड़ी बढ़ी, मगर ये सामान्य सेल्स बहुत कम रही। ऑटो कंपनियों, जो लगभग पिछले एक साल से घरेलू बिक्री में मंदी का सामना कर रहे हैं, ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कोरोना संकट के बीच कई खास फाइनेंस स्कीम शुरू की हैं। मगर इन स्कीम के जरिए गाड़ी खरीदने से पहले आपका इनके बारे में जानना जरूरी है। आइये जानते हैं इन स्कीम का मतलब।
बाद में भुगतान का विकल्प (Pay later Option)
Maruti Suzuki, Renault, Mahindra, Hyundai, Nissan, Skoda और Volkswagen ने 'अभी खरीदें और बाद में भुगतान करें' स्कीम पेश की हैं। इस स्कीम के तहत ग्राहक खरीदारी की तारीख के कुछ महीने बाद कार लोन पर ईएमआई देना शुरू कर सकते हैं। मारुति सुजुकी, हुंडई और रेनॉल्ट ग्राहकों को 2 या 3 महीने बाद से ईएमआई के भुगतान की शुरुआत करने की अनुमति दे रही हैं, जबकि महिंद्रा और निसान के ग्राहक 2021 की शुरुआत से ईएमआई देना शुरू कर सकते हैं। मगर ये दोनों कंपनियां चुनिंदा कारों पर और ग्राहकों की पात्रता के आधार ये सुविधा देंगी। वहीं स्कोडा और वोक्सवैगन ग्राहकों को चुनिंदा मॉडलों पर 12 महीने तक की "ईएमआई हॉलिडे" दे रही हैं। यानी आपको 12 महीने तक ईएमआई चुकाने से राहत मिल सकती है।
ये भी हैं ऑप्शन
ग्राहकों के सामने स्टेप-अप ईएमआई जैसे और भी विकल्प हैं, जिनमें आपकी ईएमआई कम राशि के साथ शुरू होती है और फिर अगले एक या दो सालों में इसमें बढ़ोतरी होगी। कार लोन चुकाने की अवधि 60 महीने तक बढ़ाने का विकल्प भी है, जिसमें लोन के बड़े हिस्से का भुगतान आखिरी ईएमआई के रूप में किया जाएगा। वैसे अगर आप कोरोना महामारी के बीच कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो रिटेल सेलर्स द्वारा दी जाने वाली "आकर्षक" लोन और ईएमआई योजनाओं में से किसी को चुनने से पहले कुछ पॉइंट्स पर विचार करना जरूरी है।
इन बातों पर दें ध्यान
ब्याज का बोझ
स्टेप-अप ईएमआई या बैलून टाइप लोन रीपेमेंट स्कीम (5 वर्षीय लोन) जैसे विकल्प आम लोन स्कीम के मुकाबले अधिक महंगे माने जाते हैं, क्योंकि इनमें ब्याज का बोझ बढ़ जाता है। अगर आप अपने लोन की कुल लागत में बचत करना चाहते हैं तो लंबी अवधि के बजाय छोटी अवधि का लोन लें इससे आप पर ब्याज का कम बोझ पड़ेगा।
क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है असर
अगर आप 'अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें' स्कीम चुनते हैं, तो आपकी ईएमआई शुरू होने से पहले के शुरुआती महीनों में भी ब्याज जमा होता रहेगा। इसके अलावा अगर ईएमआई के लिए मिली छूट अवधि खत्म होने पर भुगतान शुरू करने में नाकामयाब रहे तो आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ेगा।
रेगुलर लोन हैं सस्ते
पिछले कुछ समय में आरबीआई ने रेपो रेट 1.15 फीसदी कम करके 4 फीसदी तक घटा दी है, जिससे लोन की ब्याज दरों में तेज गिरावट देखने को मिली है। इसका मतलब है कि रेगुलर ऑटो लोन इस समय आकर्षक हैं और कम से कम 2020 के अंत तक सस्ते रहेंगे क्योंकि आरबीआई भारत में आर्थिक विकास को गति देने के लिए दरों को कम रखेगा। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आप एक बेहतर कार लोन डील के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी के साथ बातचीत कर सकते हैं। एक बात और कि अपनी लागत कम रखने के लिए आप किसी खास स्कीम या रेगुलर लोन में भी प्रोसेसिंग फी, प्री-पेमेंट और बाकी चार्जेस के बारे में पहले से जान लें।
महामारी के बीच भविष्य अनिश्चित
कार कंपनियों की इन योजनाओं का उपयोग करके भुगतान टालना अच्छा आइडिया नहीं हो सकता। खास कर इससे आपको भविष्य में बड़ा भुगतान करना पड़ सकता है। वैसे भी मौजूदा संकट के मद्देनजर भविष्य अनिश्चित है। हो सकता है आपको सैलेरी में कटौती या नौकरी छूटने का सामना करना पड़ जाए। इसलिए बेहतर है कि कार खरीदने से अपने ऊपर कम बोझ रखने का उपाय किया जाए।
इलेक्ट्रिक कार पर टैक्स बेनेफिट
आप पर्सनल या कारोबारी उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के लिए लोन पर धारा 80 ईईबी के तहत 1,50,000 रुपये तक के ब्याज भुगतान के लिए टैक्स कटौती का फायदा उठा सकते हैं। अगर आप इस ऑप्शन पर विचार करें तो आपके सामने कार खरीदने के लिए ढेरों और भी ऑप्शन आ सकते हैं।
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