सरकारी स्कीम : बेटियों को मिलेंगे 15-15 हजार रु, जानिए कैसे
नई दिल्ली, अक्टूबर 03। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के लोगों की मदद क लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है। इन्हीं लोक कल्याण की योजनाओं में से एक है कन्या सुमंगल योजना। राज्य के बेटियों के लिए सरकार ने यह योनजा शुरू की है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि वह 15 दिसंबर तक प्रदेश के 2 लाख बेटियों को कन्या सुमंगल योजना से जोड़ेगी। सरकार की मंशा है कि ज्यादात्तर लड़कियों को इस योजना का लाभ मिल सके।
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मिशन शक्ति अभियान के तहत हो रही है प्रक्रिया
यूपी सरकार की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक 'मिशन शक्ति अभियान' के तहत यूपी कन्या सुमंगला योजना में 2 लाख बेटियों को जोड़ने का अभियान चल रहा है। सरकारी आकड़ो के मुताबिक लगभग 10.1 लाख लड़कियाों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
सितंबर में हुई थी प्लानिंग
खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने सितंबर महीने में ही प्रदेश के 2 लाख बेटियों को योजना से जोड़ने का प्लान बना लिया था। योजा में बेटियों को जोड़ने का काम जिला स्तर पर तेजी से किया जा रहा है। अभि तक 1.55 लाख बेटियों को योजना से जोड़ा जा चुका है।
क्या है सुमंगला योजना
यूपी कन्या सुमंगला योजना के तहत यूपी सरकार लाभार्थियों को जन्म के समय से एक निश्चित सयम अवधि के दौरान 15,000 रुपये मुहैया कराती है। लाडली के जन्म के समय से पहले टीकाकरण के समय तक क्रमशः 2,000 रुपये और 1,000 रुपये की राशि दी जाती है। योजना के तहत सरकार कक्षा 1 से 6 में प्रवेश के समय बेटियो को 2,000 रुपये देती है। 3,000 रुपये की पांचवीं किस्त बेटियों को 9वी कक्षा के प्रवेश के सयम मिलता है। सरकार 5,000 रुपये की अंतिम किस्त लड़की के 12वी या डिप्लोमा में प्रवेश पर देती है।
इस तरह से मिलता है पैसा
प्रदेश सरकार बालिका के जन्म के समय 1000 रुपए की राशि देती है।
बेटी के पहले टीकाकरण के समय रु. 1 हजार का लाभ दिया जाता है।
बालिका जब पहली कक्षा में पढ़ने जाती है तो 2 हजार रुपये की मदद राशि दी जाती है।
बेटी के छठी कक्षा में एडमिशन लेने पर सरकार 2 हजार रुपए देती है।
9वी में प्रवेश के समय 3 हजार रुपए की सहायता राशि मिलती है।
10वीं और 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन या फिर डिप्लोमा में एडमिशन के लिए 5 हजार रुपए दिए जाते हैं।
सभी सहायता राशि बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
किसे मिलात है लाभ
परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपए तक होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होना जरूरी है।
एक परिवार के अधिकतम 2 बेटियों को मिलेगा लाभ।
बेटिया जुड़वा होने की स्थिति में तीसरी बेटी भी लाभ के योग्य होगी।