ट्राई के खिलाफ एक हुईं जियो, एयरटेल और वोडाफोन, जानिये पूरा मामला
नयी दिल्ली। पिछले कुछ महीनों से तीनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल और वोडाफोन में प्राइस वॉर देखने को मिला है। खास कर दिसंबर के पहले हफ्ते से, जब तीनों कंपनियों ने अपने-अपने प्लान महंगे कर दिये थे। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तीनों कंपनियों ने एक के बाद एक कई नये प्लान पेश किये। कुछ प्लानों की वैलिडिटी बढ़ाई और कुछ प्लानों के दाम कम भी किये। तीनों कंपनियों के बीच तगड़ा कॉम्पिटीशन देखने को मिला। मगर अब एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें तीनों कंपनियां इकट्ठी हो गई हैं। तीनों कंपनियां टैरिफ प्लानों में पारदर्शिता से संबंधित एक जरूरी मामले पर एक आवाज हो गई हैं। जियो, एयरटेल और वोडा ने मिल कर ट्राई के टैरिफ प्लान ट्रांसपेरेंसी फैसले का विरोध किया है। तीनों कंपनियों ने सभी प्लानों के डिटेल देने करने की आवश्यकता पर ट्राई का विरोध किया है। इनमें वे प्लान भी शामिल हैं जो एक्टिव हैं मगर ऑफर में नहीं हैं।
क्या है जियो की दलील
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दिये अपने जवाब में जियो ने कहा है कि यदि उन प्लानों, जो नये ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं, की डिटेल भी सभी प्लानों के साथ दी जाये तो ग्राहक के लिए कंफ्यूजन हो सकता है। ऐसे में हमारे पास अनचाही शिकायतें आयेंगी। जियो ने कहा है कि ग्राहक उन प्लानों को पसंद कर सकते हैं जो मौजूद ही नहीं हैं। प्लान न मिलने पर वे अथॉरिटी के पास शिकायत करेंगे। जियो के मुताबिक केवल कुछ मौजूदा ग्राहक ही ऐसे कुछ चुनिंदा प्लानों के पात्र हैं और उनके पास इन प्लानों के बेनेफिट और वैलिडिटी के बारे में पूरी जानकारी है।
एयरटेल और वोडाफोन ने क्या कहा
जियो की ही तरह एयरटेल ने भी कहा है कि वे प्लान जो मौजूद नहीं हैं यदि उन्हें सभी प्लानों के साथ डिल्प्ले किया जाये तो इससे ग्राहक नाराज होगा। इससे कॉल सेंटर की क्वालिटी पर भी असर पड़ेगा। लोग कॉल सेंटर में कॉल करेंगे और उन प्लानों को लेकर सवाल करेंगे जो मौजूद नहीं हैं। वोडाफोन आइडिया ने भी जियो और एयरटेल के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कई बंद किये जा चुके प्लानों की डिटेल प्रकाशित करने से बहुत अधिक जगह, लागत और उपभोक्ताओं के लिए अनावश्यक भ्रम पैदा होगा। हालांकि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने तीन साल पहले सभी प्लानों की डिटेल सार्वजनिक करने के पक्ष में थी।
सोशल मीडिया पर लिमिटेड सीमा
टेलीकॉम कंपनियों ने अपने जवाब में ट्राई को यह भी कहा है कि फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर जैसे वैकल्पिक चैनलों के माध्यम से टैरिफ प्लान की जानकारी देने में स्क्रीन साइज, कैरेक्टर लिमिट जैसी दिक्कतें होंगी, जिसका उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाते समय विचार करने की आवश्यकता है। ऐसे बहुत कम ही मौके हैं जब बड़ी टेलीकॉम कंपनियां एक मंच पर दिखें। नये-पुराने सभी प्लानों की डिटेल देने के खिलाफ होना ऐसा ही एक मामला है।
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