TCS व Infosys नौकरी छोड़ने वालों से परेशान, उठाया बड़ा कदम
देश की शीर्ष दो आईटी कंपनियां टीसीएस और इंफोसिस ने नौकरी छोड़ने वालों से परेशान, होकर कंपनियों ने ये बड़ा कदम उठाया है।
नई दिल्ली, अप्रैल 21। देश की शीर्ष दो आईटी कंपनियां टीसीएस और इंफोसिस ने नौकरी छोड़ने वालों से परेशान, होकर कंपनियों ने ये बड़ा कदम उठाया है। इन कंपनियों ने अपरंपरागत रणनीति से कर्मचारियों को वापस आने के लिए प्रेरित किया है।
आईटी और बीपीओ क्षेत्र के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक श्रमिक संघ ने कहा है कि बेंगलुरु स्थित इंफोसिस कर्मचारियों को अपने कुछ प्रतिस्पर्धियों में शामिल होने से रोकने के लिए कर्मचारी अनुबंध में एक खंड लागू कर रहा है। यूनियन ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। ऐसे में
इंफोसिस ने अपनी ओर से कहा है कि इस तरह का गैर-प्रतिस्पर्धा खंड रोजगार अनुबंधों में एक "स्टेंडड बिजनेस प्रेक्टिस है।
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ये कंपनियां प्रतिद्वंद्वी लिस्ट में शामिल
नॉन-कंपिट क्लॉज अंडर कंटेंशन के तहत इस्तीफा देने के बाद, एक इन्फोसिस कर्मचारी छह महीने की अवधि के लिए प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में काम नहीं कर सकता है। रोजगार अनुबंध में नामित प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में इंफोसिस की सॉफ्टवेयर सेवा शाखा के लिए टीसीएस, एक्सेंचर, आईबीएम, कॉग्निजेंट और विप्रो शामिल हैं। बिजनेस प्रोसेसिंग मैनेजमेंट (बीपीएम) विंग के लिए, रोजगार समझौते में नामित प्रतियोगी टेक महिंद्रा, जेनपैक्ट, डब्ल्यूएनएस, टीसीएस, एक्सेंचर, आईबीएम, कॉग्निजेंट, विप्रो और एचसीएल हैं।
इस वजह से कंपनी ले रही ऐसी निर्णय
मार्च तिमाही के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने 17.4 फीसदी की लोगों ने नौकरी छोड़ने की सूचना दी, जो पिछले साल की समान तिमाही में 7.2 फीसदी थी। जबकि इंफोसिस ने जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान 27.7 प्रतिशत की वार्षिक एट्रिशन दर की सूचना दी, जबकि जनवरी-मार्च 2021 में यह 10.9 प्रतिशत थी। अन्य शीर्ष आईटी कंपनियों ने अभी तक अपने चौथे तिमाही और पूरे वर्ष 2021-22 के परिणाम घोषित नहीं किए हैं।
बाजार में नौकरी के बहुत सारे अवसर हैं जिसके कारण नौकरी छोड़ने की दर बहुत अधिक है। कंपनियां प्रतिभा को बनाए रखने के लिए प्रतिद्वंद्वियों से अपने कर्मचारियों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों का मिलान भी कर रही थीं। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में लगभग 65-70 शिकायतें मिली हैं, जहां इंफोसिस इस (गैर-प्रतिस्पर्धा) खंड को लागू कर रही है।
टीसीएस एवं इन्फोसिस में नौकरियों की भरमार
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस चालू वित्त वर्ष में 40 हजार स्नातकों यानी फ्रेशर्स की नियुक्तियां करने की लक्ष्य रखा है। पिछले साल भी टीसीएस ने करीब इतनी भर्तियों की लक्ष्य रखा था लेकिन कंपनी ने इसके मुकाबले एक लाख नई भर्तियां की। विशेषज्ञों का कहना है कि टीसीएस चालू वित्त वर्ष में भी तय लक्ष्य से अधिक भर्तियां कर सकती है। टीसीएस ने 31 मार्च को खत्म तिमाही में 35 हजार से अधिक नियुक्तियां की जो अब तक किसी भी तिमाही का उच्चतम स्तर है।
देश में आईटी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इन्फोसिस इस साल 50 हजार फ्रेशर्स की नियुक्तियां करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, कंपनी इससे अधिक भी नियुक्तियां कर सकती है। पिछले साल इन्फोसिस ने 85 हजार नई नियुक्तियां की जो लक्ष्य से करीब दोगुना अधिक है। इन्फोसिस में नौकरी छोड़कर जाने की दर भी अधिक है जिससे उसे अधिक भर्तियां करनी पड़ रही हैं। ऐसे में फ्रेशर्स के लिए वहां अधिक मौके हैं।