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Tax बचाने के लिए कर रहे निवेश, तो न करें ये 5 बड़ी गलतियां, वरना होगा नुकसान

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नयी दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स सेविंग निवेश करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 है। यानी अगर आप 2020-21 में टैक्स बचाने के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास आज के बाद सिर्फ 2 दिन बचे हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इस तरह अंतिम मिनट पर टैक्स बचाने के लिए निवेश करने के अपने नुकसान हैं। अगर आप टैक्स बचाने के लिए एक दम अंतिम समय पर निवेश कर रहे हैं तो हो सकता है कि जल्दबाजी में आप गलत जगह निवेश कर दें। आपको सिर्फ टैक्स बचाने के लिए नहीं बल्कि रिटर्न बढ़ाने के लिहाज से भी पैसा निवेश करना चाहिए। टैक्स बचाने के लिए किए गए निवेश पर 5 गलतियों से बचना जरूरी है। आइए जानते हैं क्या-क्या हैं ये गलतियां, जिनसे आपको बचना जरूरी है।

नये टैक्स सिस्टम का ध्यान न रखना

नये टैक्स सिस्टम का ध्यान न रखना

अब आपके पास टैक्स दाखिल करने का एक नया विकल्प भी है। पिछले साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया टैक्स सिस्टम भी पेश किया था। अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत निवेश नहीं करना चाहता है तो वो नई टैक्स व्यवस्था के तहत रियायती दरों पर आईटीआर दाखिल कर सकता है। इसलिए एक करदाता के रूप में आपको दोनों टैक्स व्यवस्थाओं के तहत टैक्स लायबिलिटी की गणना करनी चाहिए।

जल्दबाजी में गलत जगह पैसा लगाना

जल्दबाजी में गलत जगह पैसा लगाना

जल्दबाज़ी में गलत निवेश का चुनाव करना आपके रिटर्न को कम कर सकता है और आपके पैसे को लंबी अवधि के लिए लॉक भी करा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप अपने रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं तो 5-वर्षीय टैक्स सेविंग बैंक एफडी या एनएससी में निवेश करने से आपका उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इसी तरह कोई ऐसा लक्ष्य जो 5 साल का है, के लिए यूलिप में निवेश करना सही नतीजे नहीं देगा।

हाल के प्रदर्शन के आधार पर ईएलएसएस फंड चुनना

हाल के प्रदर्शन के आधार पर ईएलएसएस फंड चुनना

कई टैक्सपेयर केवल 1 साल और 2 साल के प्रदर्शन के आधार पर धारा 80सी का फायदा दिलाने वाले ईएलएसएस फंड का चुनाव करते हैं। मगर ध्यान दें कि कोई फंड हमेशा सबसे अधिक रिटर्न देने वाला नहीं हो सकता। हर साल आप देखेंगे कि कोई अलग फंड टॉप पर होगा। इसलिए आपको चालू वर्ष के टॉप फंड्स को ऐसे ही चुनने से बचना चाहिए।

धारा 80डी और अन्य बेनेफिट को अनदेखा करना

धारा 80डी और अन्य बेनेफिट को अनदेखा करना

सेक्शन 80 सी और सेशन 24 बी टैक्स सेविंग विकल्पों के अलावा भी टैक्स बचाने के कुछ अन्य रास्ते हैं। आपका स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और शिक्षा लोन पर ब्याज भुगतान भी आपको टैक्स बचाने में मदद कर सकता है। दूसरी बात होम लोन के लिए मूल चुकाई गयी रकम भी धारा80 सी के तहत टैक्स कटौती के योग्य है। आपको इन टैक्स प्रावधानों का उपयोग करना चाहिए और आईटीआर दाखिल करते समय इनका लाभ लेना चाहिए।

निवेश को टार्गेट से लिंक न करना

निवेश को टार्गेट से लिंक न करना

यदि आप पीपीएफ, ईपीएफ, यूलिप, जीवन बीमा, ईएलएसएस जैसे टैक्स सेविंग ऑप्शनों में निवेश कर रहे हैं, जो लंबी अवधि के हैं, तो इन निवेशों को किसी खास लंबी अवधि के टार्गेट से जोड़ना जरूरी है। फिर जरूरी ये भी है कि निवेश बाहर न निकालें। निवेश हमेशा टार्गेट से जुड़ा हुआ होना चाहिए।

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English summary

Investing to save tax do not make these 5 big mistakes otherwise loss will happen

As a taxpayer, you should calculate tax liability under both tax regimes.
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