महंगाई की मार : अब लगेगा महंगी बिजली का झटका, इसलिए बढ़ेंगे दाम
नई दिल्ली, जुलाई 23। बिजली कटौती से तो लोग परेशान हैं ही और अब लोगों को महंगी बिजली बिल का करंट लग सकता है। भारत में कोयले की कमी के कारण बिलली उत्पादन के लिए प्लाटों ने कोयले का आयात शुरू कर दिया है। इस वित्त वर्ष में कोयले की कमी को पूरा करने के लिए 76 मिलियन टन कोयला विदेशों से मंगाया जाना है। कोयले का आयात करने से बिजली उत्पादन महंगा होगा जिसका असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा।
LIC : हर महीने मिलेंगे 5 हजार रु, केवल एक बार देना होगा पैसा
मानसून का रहेगा असर
देश के हर हिस्मे में मानसून दस्तक दे चुका है। बारिश की वजह से अगस्त और सितंबर में देश में कोयले का उत्पादन और सप्लाई बाधित रहेगा। कोयले की कमी के कारण देश की बिजली उत्पादक कंपनियां विदेशों से कोयले का आयात करना शुरू कर दिया है। कोल इंडिया ने बिजली घरों में कोयले की सप्लाई कम ना होने के लिए 15 मिलियन टन कोयला आयात करने वाली है। भारत की अन्य बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी और दामोदर वैली कॉरपोरेशन ने भी 23 मिलियन टन कोयला आयात करने का निर्णय लिया है इन कंपनियों के अलावा राज्यों की बिजली उत्पादन फर्म और निजी पावर कंपनिया भी लगभग 38 मिलियन टन कोयला विदेश से मंगाने की तैयरी में है। दरअसल, देश में जुलाई से सितंबर के महीने तक कोयला उत्पादन कम होता है, इसलिए कंपनियों को बाहर से कोयला आयात करना पड़ रहा है।
आयत से बिजली उत्पादन की बढ़ेगी लागत
कोयले के आयात से बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों का खर्च बढ़ जाएगा। जल्द ही उपभोक्ताओं को करीब 50 से 80 पैसे प्रति यूनिट अधिक बिजली बिल देना पड़ सकता है। कोयले का आयात होने से पोर्ट तक कोयले को मंगाना फिर पोर्ट से कोयले को कंनियों तक पहूचानें का खर्चा आयेगा। कंपनियों को विदेश से कोयला मंगाने पर वहा की गवर्टमेंट को कुछ टैक्स भी देना पड़ सकता है। इस साल गर्मी का असर बहुत रहा है। गर्मी के कारण देश में बिजली की खपत बढ़ी है। खपत को ध्यान में रखते हुए ही इंपोर्ट करने का फैसला लिया गया है।
देश में कोयले की है कमी
देश में सभी पावर प्लाट्स को चलाने के लिए हर दिन करीब 2.1 मिलियन टन कोयले की खपत लगती है। सरकार के मुताबिक 19 जुलाई को पावर प्लांट्स में 28.40 मिलियन टन कोयले का स्टॉक था जो जरुरी कैपेसिटी 56.92 मिलियन टन का 50 फीसदी है। सरकार कोयले की कमी को लगातार मॉनिटर कर रही हैं। जल्द ही, विदेश से कोयला इंपोर्ट करके स्टॉक की कमी को पूरा किया जाएगा।