Indusind Bank : RBI का अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क किया लाइव, जानिए क्या होगा फायदा
नयी दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर का प्रमुख बैंक इंडसइंड बैंक आरबीआई के अकाउंट एग्रीगेटर (एए) फ्रेमवर्क पर लाइव होने वाला देश का पहला बैंक बन गया है। ये डिजिसहमति फाउंडेशन के साथ फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन प्रोवाइडर (एफआईपी) के रूप में लाइव हुआ है। डिजिसहमति एक सेल्फ-ऑर्गेनाइज्ड अकाउंट एग्रीगेटर इकोसिस्टम सेट-अप है। इंडसइंड बैंक के एए फ्रेमवर्क पर लाइव होने से इसके ग्राहक सिंगल विंडो पर ही बैंक स्टेटमेंट, निवेश (शेयर, म्यूचुअल फंड आदि) से क्रेडिट कार्ड तक की सुविधा ले सकेंगे। इससे उन्हें अपने पैसे से जुड़ा कोई भी फैसला लेने में आसानी होगी।
लोन के लिए फिजिकल डॉक्यूमेंट्स की जरूरत खत्म
एफआईपी के रूप में इंडसइंड बैंक ग्राहकों को उनकी सहमति के आधार पर फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन यूजर्स (एफआईयू) के साथ एए इकोसिस्टम पर सुरक्षित तरीके से अपनी वित्तीय जानकारी साझा करने की सुविधा मिलेगी। एक बार बाकी वित्तीय संस्थानों के एए फ्रेमवर्क पर लाइव हो जाएं तो इससे लोन लेने या अन्य वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के लिए फिजिकल डॉक्यूमेंट्स जमा करने की जरूरत भी खत्म हो जाएगी।
2016 में हुआ था एए का ऐलान
आरबीआई ने पहली बार जून 2016 में एए फ्रेमवर्क का ऐलान किया था। इसे ओपन बैंकिंग ईकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक अच्छी पहल माना गया है। यह व्यक्तिगत ग्राहकों के साथ-साथ छोटे और मध्य आकार के कारोबारों को सहज तरीके से सेवाओं का लाभ उठाने की सुविधा देगा, क्योंकि इससे वित्तीय जानकारी का आदान-प्रदान आसानी से किया जा सकेगा। इंडसइंड बैंक के कंज्यूमर बैंकिंग हेड सौमित्र सेन के मुताबिक अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क ग्राहकों को बैंकों और अन्य संस्थानों से अपने पसंदीदा प्रोडक्ट्स और सेवाएं चुनने के लिए सशक्त करेगा। उन्होंने डिजिसहमति फाउंडेशन के साथ सहयोग करने पर खुशी जताई।
बचेगा कस्टमर्स का टाइम
एए सिस्टम फिजिकल डॉक्यूमेंट्स जमा करने की समय लेने वाली मौजूदा प्रोसेस को खत्म कर देगा। इससे बैंक के व्यक्तिगत और एसएमई ग्राहकों को सुरक्षित फ्रेमवर्क में विनियमित वित्तीय संस्थानों के साथ डिजिटल रूप से अपनी वित्तीय जानकारी साझा करने की सुविधा मिलेगी। इससे ग्राहकों के पास वित्तीय जानकारी साझा करने को लेकर बेहतर नियंत्रण होगा।
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