सस्ता हो सकता है राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में सफर, ये है सरकार की तैयारी
नई दिल्ली, अगस्त 03। कोरोना माहामारी के समय रेलवे ने अपने सामान्य नियमों में बहुत बदलाव किया था। कोरोना संबंधित पाबंदियां खत्म होने के बाद रेलवे उन तमाम नियमों को फिर से समान्य करने में लगी हुई है। अभी भी लोगों को कोरोना काल से पहले मिलने वाली कई तरह की रियायतें मिलना शुरू नहीं हुई है। रेलवे के यात्रियों की संख्या भी घटी है। खास कर कुछ प्रीमियम ट्रेनों में लोग कम यात्रा कर रहे हैं। रेलवे यात्रियों को लुभाने के लिए राजधानी, दूरंतो, शताब्दी जैसे प्रीमीयम ट्रेनों के टिकट पर लगने वाले डायनैमिक किराये को खत्म करने का मन बना रही है।
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कोरोना के समय लगे थे नियम
कोरोना के समय संक्रमण के रोक-थाक के लिए रेलवे ने तमाम नियम लगाए थे। रेलवे ने जनरल टिकट से यात्रा करना, टिकटो को वेटिंग रखना, वेटिंग टिकट पर यात्रा से रोक, प्लेटफार्म टिकट आदि संबंधित नियम में बदलाव किया था। कोविड खत्म होने के बाद एक बार फिर रेलवे पुराने नियमों को लागू करने के प्रायास में जुटा हुआ है।
फ्लेक्सी फेयर पॉलिसी होगी वापस
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वर्तमान में सरकार की फ्लेक्सी फेयर पॉलिसी को वापस लेने की कोई योजना नहीं थी। ट्रेन का डायनेमिक टैरिफ सिस्टम एक ऐसी प्रणाली है जिसमें किराया मांग के अनुसार निर्धारित किया जाता है। नीचे, 10 प्रतिशत सीटों के आदेश के साथ, टैरिफ 10 प्रतिशत बढ़ जाता है। जब सीटें कम हो जाती हैं, तो दरें बढ़ जाती हैं। यह प्रणाली राजदनी, शताबदी और डुरोंटो जैसी गाड़ियों पर लागू होती है। यह 9 सितंबर, 2016 को लागू किया गया था। इस वजह से, कई मार्गों पर ट्रेन की लागत विमान से अधिक बढ़ गई है। यही कारण है कि लोग रेल के बजाय विमान से यात्रा करते हैं।
महंगे हो गए थे टिकट
रेल मंत्री ने कहा कि पूर्व-कोरोना अवधि में, फ्लेक्सी दर प्रणाली में यात्रियों और ट्रेनों की आय गैर-फ्लेक्सि से अधिक बढ़ गई। वर्तमान में, इस सरकारी नीति को आकर्षित करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रेन और एयरलाइन परिवहन में दो अलग -अलग फैशन थे। उनकी तुलना वॉल्यूम, कनेक्टिविटी और आराम के संदर्भ में नहीं की जा सकती है। एयरलाइन पर कोई अधिकतम टैरिफ सीमा नहीं है, जबकि ट्रेन ने पूरे वर्ष अधिकतम टैरिफ में सुधार किया है। एयरलाइन दर कई कारकों पर निर्भर करती है। ट्रेन का किराया एयरलाइंस की तुलना में कम या ज्यादा हो सकता है। यह निर्भर करता है कि आप किस श्रेणी की यात्रा करते हैं। यह यात्रियों को तय करना है कि ट्रेन से या एयरलाइन से यात्रा करना है या नहीं।