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भारतीय आम की दुनिया में मची धूम, पाकिस्तान से बेहतर किस्में तैयार

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नयी दिल्ली। भारतीय आमों ने पूरी दुनिया में धूम मचा रखी है। भारतीय आम ने पाकिस्तानी आम को भी फीका कर दिया है। बता दें कि महामारी के दौरान दुनिया भर में निर्यात के लिए हवाई सेवाएं बंद हो गई थी। मगर फिर भी भारतीय आम ने दुनिया भर में कमाल कर दिया। हवाई सेवाएं बंद होने के बाद आम कारोबारियों ने समुद्री रास्ता चुना। कारोबारियों ने पानी के रास्ते खाड़ी देशों तक अपना आम पहुंचाया। भारतीय आम की जिन किस्मों ने पाकिस्तान के आमों की टक्कर दी उनमें लंगड़ा, दशहरी, मल्लिका और चौसा शामिल हैं। बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में हाल ही में वेबिनार हुआ, जिसमें वैज्ञानिक, निर्यात एजेंसियां और आम किसानों और निर्यातकों शामिल हुए।

और मशहूर होगा भारतीय आम

और मशहूर होगा भारतीय आम

आईएआरआई में यूपी मैंगो एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम सिद्दीकी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारतीय आम को निर्यात करने में कई बाधाएं हैं। अगर वो दूर हो जाएं तो भारतीय आम वैश्विक स्तर पर और प्रमुख हो जाएगा। सिद्दीकी ने कहा कि हवाई जहाज से निर्यात महंगा होता है। इसलिए कोरोना संकट के समय हवाई निर्यातकों ने पानी का रास्ता चुना और कामयाब भी हुए। इसी से भारतीय आमों ने पाकिस्तान के आम निर्यातकों को दुबई, ओमान और सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों में कड़ी टक्कर दी।

पाकिस्तान को मात देने के लिए ये काम जरूरी

पाकिस्तान को मात देने के लिए ये काम जरूरी

आम व्यवसाय में पाकिस्तान को पछाड़ने के लिए मजबूत रणनीति और निर्यात लागत घटाना बेहद जरूरी है। इस वेबिनार में शामिल हुए एक अन्य निर्यातक मोहम्मद बिलाल के मुताबिक सरकारी एजेंसियों की ख्वाहिश यूरोपीय देशों और अमेरिका में निर्यात बढ़ाने की रहती है। इसीलिए सारे नियम ऐसे ही बनाए जाते हैं। मगर इससे आम के सामान्य निर्यातकों को मुश्किल होती है। इसमें आम का साइज, वजन और अन्य शामिल हैं। मगर असल में जरूरत के अनुसार निर्यात किया जाना चाहिए। पाकिस्तान जैसे मुकाबले वाले देश से निपटने के लिए लागत कम करना बेहद जरूरी है।

निर्यात बढ़ाने पर जोर

निर्यात बढ़ाने पर जोर

चर्चा में शामिल एक जानकार का ध्यान यूरोपीय देशों, आस्ट्रेलिया और अमेरिका में आम के निर्यात को बढ़ाने पर रहा। बता दें कि इन देशों में आम की जिन किस्मों की मांग अधिक है उनमें अलफांसों, केसर और बैगनपल्ली शामिल हैं। वेबिनार में आम की प्रोसेसिंग कर पल्प और ड्राई मैंगों कैंडी बनाने पर भी ध्यान दिया गया। आईएआरआई के निदेशक ने कहा कि इंटरनेशनल लेवल पर मुकाबले के लिए जिस तरह की गुणवत्ता वाले आम की जरूरत है, उसके मुताबिक आम की किस्में तैयार हैं। मालूम हो कि आम निर्यात के मामले में पाकिस्तान से जीतने लिए कम मीठा और सुंदर व मोटे छिलके वाले आम की खास किस्में तैयार की गई हैं।

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English summary

Indian mangoes rocked the world better varieties produced than Pakistan

The varieties of Indian mangoes that competed with the mangoes of Pakistan include lame, Dussehri, Mallika and Chausa.
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